पीएम मोदी ने करी कश्मीर के लिए फिल्म इंडस्ट्री से अपील, अब खुलेंगे 30 स्क्रीन्स
भारत सरकार के जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के ऐतिहासिक फैसले को पूरे देश से अलग-अलग प्रतिक्रिया मिल रही है. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश को संबोधित किया था. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने फिल्म इंडस्ट्री से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में फिल्मों की शूटिंग और निवेश आदि के लिए आग्रह भी किया था. जिसके बाद कार्निवल सिनेमा ने घोषणा की है कि ये मल्टीप्लेक्स चेन जम्मू और कश्मीर में 30 स्क्रीन्स खोलने जा रही है और इसके अलावा 5 स्क्रीन्स लद्दाख के क्षेत्र में भी होंगी.
पीएम मोदी ने हिंदी, तेलुगू और तमिल फिल्म इंडस्ट्री और इससे जुड़े लोगों से दरख्वास्त की कि इन लोगों को जम्मू कश्मीर और लद्दाख में निवेश के बारे में सोचना चाहिए और फिल्म की शूटिंग्स से लेकर, थियेटर्स और अन्य साधनों की स्थापना के बारे में सोचा जाना चाहिए और उन्हें प्राथमिकता देनी चाहिए.
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गौरतलब है कि 60 के दशक में कश्मीर बॉलीवुड फिल्मों के लिए प्राइम लोकेशन मानी जाती थी. 1961 में आई फिल्म जंगली का पहला हाफ श्रीनगर के बर्फीले पहाड़ों में शूट किया गया था. शम्मी कपूर ने इस फिल्म में ‘चाहे कोई मुझे जंगली कहे’ गाने के साथ जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की थी. इस गाने की सफलता के साथ ही कश्मीर बॉलीवुड के अलावा टूरिस्ट्स की भी पहली पसंद बन गया था. इसके बाद कई फिल्मों में कश्मीर की खूबसूरती को भुनाने का काम किया गया.
लेकिन वक्त के साथ कश्मीर की स्थानीय राजनीति बदलती गई और इसका असर फिल्मों में भी नजर आता रहा.90 के दशक में कश्मीर में बढ़ते तनाव के चलते फिल्मों के सब्जेक्ट्स में जबरदस्त बदलाव देखने को मिला. बॉलीवुड इस खूबसूरत घाटी में फैले डार्क पहलुओं को उजागर करने की कोशिश करने लगा. ऋतिक रोशन की मिशन कश्मीर से लेकर तहान, फना, रोजा, सिकंदर, हैदर जैसी तमाम फिल्में ऐसी रहीं जो कश्मीर में फैली त्रासदी को दिखाने की कोशिश करती नजर आईं. हाल के वर्षों में कश्मीर की वादियों में कई बेहतरीन फिल्मों की शूटिंग हुई है जिनमें राजी, जब तक है जान, ये जवानी है दीवानी, हैदर जैसी कई फिल्में शामिल हैं.