भारत वापस लौटेंगे विजय माल्या लेकिन…

विजय माल्यानई दिल्ली| शराब कारोबारी विजय माल्या ने शुक्रवार को अदालत में व्यक्तिगत पेशी से छूट मांगी और कहा कि मुकदमे का सामना करने के लिए वह देश वापस नहीं लौट सकता, क्योंकि विदेशी मुद्रा नियमों के कथित उल्लंघन मामले में सरकार ने उसका पासपोर्ट निलंबित कर दिया है।

विजय माल्या की शर्त

अदालत ने नौ जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर माल्या को निर्देश दिया था कि वह नौ सितंबर को अदालत में निजी तौर पर पेश हो। याचिका में उसे निजी तौर पर उपस्थित होने से दी गई छूट को रद्द करने की मांग की गई थी।

माल्या के अधिवक्ता अजय भार्गव ने महानगर दंडाधिकारी सुमित दास के समक्ष याचिका दाखिल कर व्यक्तिगत पेशी से छूट की मांग की और कहा कि उनका मुवक्किल लंदन में रह रहा है।

बचाव पक्ष के वकील ने अदालत को बताया कि भारतीय पासपोर्ट अधिकारियों ने माल्या का पासपोर्ट अप्रैल में निलंबित कर दिया।

वकील ने अदालत में कहा कि माल्या का पक्ष सुने बगैर ही 23 जुलाई को उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया गया। जबकि माल्या ने पक्ष सुनने के लिए अनुरोध किया था।

माल्या के वकील ने कहा, “पासपोर्ट रद्द होने के कारण उनका मुवक्किल लंदन से भारत की यात्रा नहीं कर सकता।”

वकीलों ने कहा कि माल्या ने अदालत से गुजारिश की है कि उनकी तरफ से उनके वकील अदालत में उनका प्रतिनिधित्व करेंगे, जिससे अदालत का कीमती समय भी बचेगा।

लोक अभियोजक नवीन माट्टा ने अदालत से कहा कि माल्या अपने खिलाफ लंबित कई मामलों में पूछताछ और कार्रवाई से बच रहा है।

अदालत ने आज के लिए (शुक्रवार) माल्या की व्यक्तिगत पेशी से छूट की याचिका स्वीकार कर ली और इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय से जबाव मांगा। इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख चार अक्टूबर निर्धारित की गई है।

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