माल्या को लगा ये तगड़ा झटका

विजय माल्या

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने शनिवार को शराब कारोबारी विजय माल्या को नौ सितंबर को अदालत के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा है। अदालत ने यह आदेश प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की उस याचिका को मंजूरी देने के बाद दिया, जिसमें ईडी ने विदेशी मुद्रा विनिमय कानूनों के कथित उल्लंघन के मामले में विजय माल्या को न्यायालय में व्यक्तिगत पेशी से मिली छूट वापस लेने की मांग की थी।

विजय माल्या पर यह हैं आरोप

मुख्य महानगर दंडाधिकारी सुमित दास ने प्रवर्तन निदेशालय की उस याचिका को मंजूरी दे दी, जिसमें विजय माल्या को अदालत में व्यक्तिगत तौर पर पेशी से दी गई छूट को वापस लेने की मांग की गई थी। माल्या फिलहाल ब्रिटेन में हैं और भारत में मनी लॉन्ड्रिंग के मुकदमे का सामना कर रहे हैं। अदालत माल्या द्वारा विदेशी मुद्रा नियमन अधिनियम (फेरा) के प्रावधानों के उल्लंघन से संबंधित साल 2000 के एक मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने विदेशों में अपनी कंपनी के शराब के प्रचार के लिए धन की व्यवस्था की थी।
प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक, माल्या ने लंदन तथा कुछ यूरोपीय देशों में साल 1996, 1997 तथा 1998 में फॉर्मूला वन वर्ल्ड चैंपियनशिप्स में किंगफिशर का लोगो लगाने के लिए एक ब्रिटिश कंपनी को कथित तौर पर दो लाख डॉलर का भुगतान किया। एजेंसी ने दावा किया कि रकम का भुगतान भारतीय रिजर्व बैंक की अनुमति के बिना किया गया, जो फेरा के नियमों का उल्लंघन है। माल्या के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया और उसकी सुनवाई चल रही है। दिल्ली की एक अदालत ने माल्या को 20 दिसंबर, 2000 को अदालत में व्यक्तिगत तौर पर पेशी से छूट दे दी थी।

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