आज कल यह कविता ख़ूब हो रही है वायरल…

आज कल यह कविता ख़ूब हो रही है वायरल...

माता कब की ‘ममी’ बना दी पिता को बना डाला ‘डेड’
छोड़ छाड़ के सादी रोटी खुश रहते सब खाकर ‘ब्रेड’
भाई बन गए कब के ‘ब्रो’ बहन हो चुकी है अब ‘सिस’
संस्कारों की तो पूछो ही मत, जाने कहाँ हो रहे ‘मिस’

ताई, चाची, बुआ, मामी, सभी बन गई ‘आंटी’
ताऊ, चाचा, फूफा, मामा, के गले में पड़ी ‘अंकल’ की घंटी
यार दोस्त भी अब तो बन बैठे हैं सारे ‘डूड’
माँ-बाप अगर टोकें बालक बोलें होकर ‘रूड’

पर्थ टेस्ट : उछाल भरी पिच पर आस्ट्रेलियाई चुनौती का सामना करेगा भारत

बच्चों को अब नहीं पसंद पुराना ‘पैजामा’
वाट्ज-अप बोलें भूल गए ‘रामा-रामा
अंग्रेज तो चले गए यहाँ से कब के,

छोड़ गए अपनी संस्कृति की ‘डब्बी
‘बस अब और सहा नहीं जाता
अच्छे भले पति को जब बोलें ‘हब्बी’

नोट-यह कविता हमको इंटरनेट से हासिल हुई है। कविता के रचनाकार का नाम हमें मालूम नहीं हो पाया है। अगर किसी को इस कविता के रचनाकार नाम मालूम है तो वह हमें साझा करें। हमें नाम सार्वजनिक करने में खुशी होगी।

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