एक ऐसी नदी जिसने अदालत में दिया ज़िंदा होने का सबूत, मिल गए सारे अधिकार

वाननुई नदीवेलिंगटन।  न्यू जीलैंड के उत्तरी द्वीप पर स्थित वाननुई नदी को कानूनी तौर पर जीवित मान लिया गया है। इस नदी को एक जिंदा व्यक्ति होने का कानूनी दर्जा दिया गया है और इसके मुताबिक अधिकार भी दिए गए हैं। बता दे वाननुई नदी न्यू जीलैंड की तीसरी सबसे लंबी नदी है। लेकिन दुनिया में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी नदी को जिंदा व्यक्ति के समान कानूनी अधिकार दिए गए हो।

न्यू जीलैंड की संसद ने एक बिल पास कर वाननुई नदी को एक जीवित व्यक्ति का दर्जा दिया है। नदी अब अपने प्रतिनिधियों के द्वारा अपना पक्ष भी रख सकती है।

संसद अधिकारीयों ने बताया कि, ये नदी माओरी जनजाति के लोगों के लिए काफी अहमियत रखती है। माओरी जनजाति के लोगों का इस नदी से बेहद पुराना नाता है और नदी से उनकी कई आध्यात्मिक आस्थाएं भी जुड़ी हुई हैं।

अधिकारीयों के मुताबिक, 1870 के दशक से ही माओरी जनजाति के लोग वाननुई नदी के साथ अपने अनूठे संबंधों को पहचान और स्वीकृति दिए जाने की कोशिश कर रहे हैं। इन कोशिशों को अब जाकर यह अनोखा पड़ाव हासिल हुआ है।

संसद ने मिलकर फैसला किया है कि, क्योंकि माओरी जनजाति के लोग पहाड़ों और समुद्र की तरह इस नदी को भी जिंदा मानते हैं। जिसको देखते हुए माओरी जनजाति के लोग नदी के लिए अब एक प्रतिनिधि चुन सकते है। इस प्रतिनिधि के पास खास अधिकार होंगे जो वाननुई नदी को होने वाली किसी भी समस्या के खिलाफ आवाज उठा सकता है।

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