जम्मू और कश्मीर को छोड़कर देशभर में लागू होगा केंद्रीय जीएसटी

वस्तु एवं सेवा करनई दिल्ली। संविधान के संघीय दृष्टिकोण के मुताबिक एक एकीकृत बाजार बनने की दिशा में देश सोमवार को एक कदम और आगे बढ़ गया, जब वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक संसद में पेश किया गया। यह विधेयक जम्मू एवं कश्मीर को छोड़कर समूचे देश में लागू होगा।

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को लोकसभा में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक 2017 पेश किया। इसके साथ ही जीएसटी से संबद्ध तीन अन्य विधेयकों को भी पेश किया गया। केंद्रीय जीएसटी विधेयक 2017 कर वसूली, केंद्र सरकार द्वारा राज्य के भीतर सामानों, सेवाओं या दोनों पर कर संग्रह की व्यवस्था करेगा।

इसके बाद अब राज्यों को अपनी विधानसभाओं में जीएसटी विधेयक पारित करना होगा। जबकि जम्मू और कश्मीर को अपने विधानसभा से जीएसटी से जुड़े चारों विधेयकों को पारित कराना होगा, क्योंकि संविधान के तहत राज्य को कराधान की विशेष शक्तियां हासिल है।

जम्मू और कश्मीर देश का इकलौता राज्य है जिसे कर सेवाओं की शक्तियां मिली हैं।

राज्य के वित्त मंत्री हसीब ड्रबु ने पिछले साल जीएसटी पर राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति (ईसी) में जम्मू और कश्मीर का प्रतिनिधित्व किया था। इसमें ईसी में इस बात सहमति बनी थी कि जीएसटी को वर्तमान रूप में जम्मू और कश्मीर में लागू नहीं किया जाएगा।

ड्रबु ने कहा था कि जीएसटी को जारी करने के दौरान राज्य की विशेष कराधान शक्तियों को संरक्षित रखने की आवश्यकता है।

ड्रबु ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति और खासतौर से राज्य सरकार की चिंता को देखते हुए यह तय किया गया कि जब नई कर नीति लागू होती है तो जीएसटी परिषद राज्यों की विधानसभाओं की तुलना में अधिक शक्तिशाली हो जाएगी, इसका समाधान किए जाने की जरूरत है।

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