बीसीसीआई को मान लेनी चाहिए लोढ़ा समिति की 85 फीसदी सिफारिशें

लोढ़ा समिति नई दिल्ली। टीम इंडिया के पूर्व निदेशक रवि शास्त्री ने कहा है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को लोढ़ा समिति की प्रशासन, नियंत्रण, वित्त और चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी 80 से 85 फीसदी सिफारिशें मान लेनी चाहिए।

एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में शास्त्री ने कहा, “लोढ़ा समिति की 80 से 85 फीसदी सिफारिशें मान लेनी चाहिए, लेकिन शेष 15 फीसदी सिफारिशों पर व्यावहारिक दिक्कतों के चलते समस्या खड़ी हो सकती है।”

रवि शास्त्री के मुताबिक , “क्रिकेट में सुधार की जरूरत है तथा लोढ़ा समिति की 80 से 85 फीसदी सिफारिशें लागू की जानी चाहिए। कुछ मामलों में हमें डंडा मिलना चाहिए, इसकी भी जरूरत है।”

हालांकि शास्त्री ने यह भी कहा कि देश के पांच क्षेत्रों से पांच राष्ट्रीय चयनकर्ताओं की बजाय तीन राष्ट्रीय चयनकर्ताओं की नियुक्ति को गलत बताया।

उन्होंने कहा, “अगर आप चाहते हैं कि खिलाड़ियों का चयन निष्पक्ष तरीके से हो, वह भी भारत जैसे विशाल देश में जहां क्रिकेट खेलने वाले दुनिया के अन्य सभी देशों को मिलाकर भी उनसे ज्यादा क्रिकेट खिलाड़ी मौजूद हों, पांच क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले पांच राष्ट्रीय चयनकर्ताओं की नियुक्ति जरूरी है। इसके अलावा प्रत्येक क्षेत्र से प्रतिभा की पहचान करने वाले दो व्यक्तियों की नियुक्ति भी जरूरी है।”

शास्त्री ने लोढ़ा समिति की उस सिफारिश पर भी सवाल खड़े किए, जिसके अनुसार खेल प्रशासकों की कार्य अवधि तीन वर्ष और दूसरे कार्यकाल के बीच तीन वर्ष के अंतराल का सुझाव दिया गया है।

शास्त्री ने कहा, “अगर आप क्रिकेट खिलाड़ियों को ही नियुक्त करना चाहते हैं तो आपको इसमें निरंतरता रखनी होगी। और उनकी नियुक्ति कम से कम पांच या छह वर्ष के लिए होनी चाहिए और तीन वर्ष के अंतराल के बाद उन्हें फिर से छह वर्ष के लिए नियुक्त किया जा सके। अगर कोई प्रशासक अच्छा काम कर रहा हो, फिर उसे तीन साल के बाद क्यों हटाया जाए? इसकी क्या गारंटी है कि उसके बाद नियुक्त होने वाला अधिकारी अच्छा काम ही करेगा?”

शास्त्री बीसीसीआई और लोढ़ा समिति के बीच बातचीत की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि अगर आपको लगता है कि बीसीसीआई इतनी खराब है, फिर हम तीन-तीन विश्व कप कैसे जीत पाए।

LIVE TV