नई दिल्ली : देश में चुनावी माहौल अपने चरम पर है। जहां एक तरफ आयोग ने तैयारियां पूरी कर ली हैं तो वहीं दूसरी ओर ऐसे माहौल में लोगों को फेक न्यूज से बचाने की लड़ाई अब भी जारी है। जहां चुनाव के दौरान कई जगहों से कई तरह की खबरें आती हैं। फेक न्यूज फैलाने के इस काम में सोशल मीडिया का सबसे बड़ा हाथ होता है। इस साल व्हॉट्सऐप ने चुनावों के मद्देनजर बड़ा कदम उठाया है।
बता दें की व्हॉट्सऐप ने देश में चुनाव के दौरान फर्जी खबरों पर रोकथाम के लिए ‘चेकप्वाइंट टिपलाइन’ सेवा लॉन्च की है। जहां इसकी मदद से लोग व्हॉट्सऐप पर आई किसी भी खबर के बारे में पता कर सकते हैं कि वह खबर सही है या गलत। वहीं चेकप्वाइंट टिपलाइन को भारत के ही प्रोटो नाम के एक मीडिया स्टार्टअप की मदद से लॉन्च किया गया है। लेकिन इसके तकनीकी पक्ष में व्हॉट्सऐप की भी सहायक भूमिका रही है।
दरअसल लोग व्हॉट्सऐप पर मिलने वाली किसी भी संदिग्ध सूचना या मैसेज की शिकायत + 91-9643-000-888 पर दर्ज करा सकते हैं। एक बार संदेश भेजने के बाद, प्रोटो का सत्यापन केंद्र इस बात की जांच करेगा कि मैसेज में किया गया दावा सच है या झूठ। इसके बाद उपयोगकर्ता को पूरी जानकारी दी जाएगी, ताकि उन्हें सही खबर का पता लग सके।
बाद प्रोटो की तरफ से मैसेज भेजने वाले को रिप्लाई किया जाएगा। प्रोटो के जवाब में बताया जाएगा कि उन्होंने जिस मैसेज की शिकायत की थी उसमें कितनी सच्चाई है। अगर भेजा गया मैसेज गलत है, झूठ है, विवादित है या भड़काऊ है, तो इस बात की भी जानकारी दी जाएगी।जहां इससे लोगों के लिए फर्जी खबरों को पहचान कर उनसे बच पाना आसान हो जाएगा।
सोशल मीडिया की किसी भी खबर का पता लगाने के लिए लोग दिए गए नंबर पर फोटो, वीडियो, लिंक या टेक्सट मैसेज भेज सकते हैं। चेकप्वाइंट टिपलाइन के व्हॉट्सऐप नंबर पर पांच भाषाओं, यानी अंग्रेजी, हिंदी, तेलुगु, बंगाली और मलयालम में शिकायत की जा सकती है।
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