लेखक-फिल्मकार सागर सरहदी नहीं रहे, ‘कभी कभी’ और ‘सिलसिला’ जैसी फिल्में लिखी थी

बॉलीवुड के प्रख्यात लेखक-फिल्मकार सागर सरहदी की बिगड़ते स्वास्थ के चलते रविवार रात निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे।

बॉलीवुड की एक से एक फिल्म लिखने वाले लेखक-फिल्मकार सागर सरहदी अब हमारे बीच नहीं रहे। 88 वर्षीय सागर सरहदी को आयु संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं से जूझना पड़ रहा था। उन्होंने इससे जूझते हुए रविवार रात को अपना दम तोड़ दिया। इसकी जानकारी देते हुए सरहदी के भतीजे और फिल्मकार रमेश तलवार ने बताया कि सरहदी ने सियोन के पास अपने घर पर आखरी सांस ली। तलवार ने कहा, “मध्यरात्रि से कुछ देर पहले उनका निधन हो गया। वह कुछ समय से बीमार थे और उन्होंने खाना तक छोड़ दिया था।”

‘कभी कभी’, ‘सिलसिला’ और ‘बाजार’ जैसी फिल्में लिखने वाले सागर सरहदी का अंतिम संस्कार आज दोपहर सियोन शवदाह गृह में किया गया। पाकिस्तान के ऐबटाबाद शहर के निकट बफ्फा शहर में जन्में सागर का असली नाम गंगा सागर तलवार था। सरहद के पार जन्में सरहदी ने, सरहद पार करने के बाद अपना नाम सागर सरहदी रख लिया। 12 साल की उम्र में सीमा पार करने के बाद दिल्ली में बसे लड़के ने उर्दू लघु कथाओं से अपने करियर की शुरुआत की और फिर उर्दू नाट्य लेखक बन गया। फिर 1976 में सरहदी ने अमिताभ बच्चन और रेखा की फिल्म ‘कभी कभी” से बॉलीवुड में कदम रखा।

1982 में सरहदी ने फिल्म निर्देशन भी किया। सरहदी द्वारा निर्देशित फिल्म ‘बाजार’ में सुप्रिया पाठक शाह, फारूक शेख, स्मिता पाटिल और नसीरुद्दीन शाह जैसे कलाकारों को कास्ट किया गया था। सागर सरहदी ने कई फिल्मों के लिए संवाद लेखन किया। उन्होंने ‘सिलसिला’,’चांदनी’,’दीवाना’और ‘कहो ना प्यार है’ जैसी फिल्मों के लिए डायलॉग लिखे थे।

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