लालू यादव ने दी जमानत की अर्जी, सीबीआई ने कहा- ये बाहर निकलने का बहाना है

नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को चारा घोटाले में राष्ट्रीय जनता दल(राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका का विरोध किया। 5 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह चारा घोटाले से जुड़े तीन मामलों में लालू की जमानत याचिका पर 10 अप्रैल को सुनवाई करेगा। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की पीठ ने सीबीआई को इस संबंध में जवाब देने के लिए 9 अप्रैल तक का समय दिया था।


आपको बता दें कि लालू यादव रांची की बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद हैं। उन्होंने झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा 10 जनवरी को उनकी जमानत याचिका खारिज किए जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इसको लेकर सीबीआई भी चाहती है कि अदालत लालू प्रसाद की याचिका को खारिज कर दे, जो चिकित्सा आधार पर मांगी गई है। इसको लेकर अब सीबीआई ने अपना जवाब दाखिल किया है।

सीबीआई ने अपने जवाब में कहा कि, लालू प्रसाद यादव लोकसभा चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लेकर जमानत का ‘‘गलत’’ इस्तेमाल कर सकते हैं, ऐसे में उन्‍हें जमानत न दी जाए।

अपने एफिडेविट में सीबीआई ने कहा कि लालू मेडिकल आधार पर जमानत मांग अदालत को गुमराह कर रहे हैं। वह अस्‍पताल से राजनैतिक गतिविधियां चलाते हैं और लोकसभा चुनाव के दौरान बाहर रहना चाहते हैं।

एजेंसी ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल के नेता 11 अप्रैल से शुरू होने वाले लोकसभा चुनाव से संबंधित राजनीतिक प्रचार और गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहते हैं, और चिकित्सकीय कारणों का हवाला देना महज बहाना है।

सीबीआई अधिवक्ता ने अदालत से लालू प्रसाद की जमानत याचिका का विरोध करते हुए एक हलफनामा दायर करने की अनुमति मांगते हुए दावा किया कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने बीमारी की आड़ में सफलतापूर्वक जेल की सजा काटते हुए अपना अधिकांश समय अस्पताल के एक विशेष वार्ड में बिताया है।

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कई शीर्ष स्तर के राजनेता उनसे मिलने भी गए। सीबीआई ने कहा कि लालू ने अस्पताल में विशेष वार्ड से राजनीतिक गतिविधियों का संचालन किया।

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