सुखोई की तलाश करने में चीन देगा भारत का साथ

लापता सुखोई-30बीजिंग। चीन ने कहा है कि लापता सुखोई-30 लड़ाकू विमान तथा उसके दो पायलटों की तलाश के लिए अगर भारत ने उसकी मदद मांगी तो वह इसके लिए तैयार है। वहीं विमान का मलबा शुक्रवार को घने जंगली इलाके में देख लिया गया है। मंगलवार को लापता हुए विमान के पायलटों का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग से यह सवाल पूछे जाने पर कि अगर भारत लापता पायलटों की तलाश के लिए चीन की मदद मांगता है तो वह क्या कहेंगे? उन्होंने कहा, “फिलहाल सहायता के लिए हमें भारत की तरफ से कोई अनुरोध नहीं मिला है। अगर कोई अनुरोध मिलता है, तो चीन मानवीय आधार पर मदद करेगा।”

लू ने कहा, “हालांकि, हम चाहे जो करें, इससे भारत-चीन सीमा के प्रासंगिक हिस्से पर अपना रुख नहीं बदलेंगे।”

बुधवार को चीन ने उस वक्त बेहद रूखी प्रतिक्रिया दी थी, जब पूछा गया था कि क्या वह भारत के लापता विमान की तलाश में मदद करेगा, जो मंगलवार को भारत-चीन सीमा पर लापता हो गया। चीन ने भारत को सीमाई इलाकों में शांति भंग न करने की हिदायत दी थी।

भारत में अधिकारियों ने कहा कि शुक्रवार को विमान का मलबा वहीं पाया गया, जहां से उसका संपर्क टूटा था। भारतीय वायुसेना का विमान अरुणाचल प्रदेश में चीन के निकट डौलासांग इलाके में तेजपुर से 60 किलोमीटर की दूरी पर लापता हो गया था।

सुखोई-30 ने भारतीय वायुसेना के तेजपुर एयरबेस से उड़ान भरी थी। सुबह 9.30 बजे के आसपास वह अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा से 172 किलोमीटर की दूरी पर था। विमान 23 मई को प्रशिक्षण मिशन पर था।

पूर्वाह्न 11.10 बजे के आसपास उसका रेडियो पर राडार से संपर्क टूट गया था।

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