लड़कियों को परेशान करने वाली ये खास बातें

 फ्रीडमहर इंसान अपनी जिंदगी को खुल कर जीना चाहता है। फिर चाहे वो कोई लड़की हो या लड़का। फ्रीडम के साथ जीना हर किसी को पसंद है। लेकिन इस समाज में जितना फ्रीडम लड़कों को मिलता उतना लड़कियों को नहीं। वह कितनी ही तरक्की क्यों न कर ले कुछ दकियानूसी सवाल उनका पीछा नहीं छोड़ते। कभी ये सवाल फैमिली में उठते हैं, तो कभी रिश्तेदारी में, कभी पड़ोस में तो कभी उसके खुद के कुछ दोस्त भी ऐसे सवाल कर बैठते हैं। लगभग सभी घरों में ऐसा होता है कि लड़की को घर से निकलने से पहले बता के जाना होता है कि वो कहां जा रही हैं, क्यों जा रही हैं, और जा रही तो कैसे किसके साथ जा रही, कब तक वापस आएंगी ऐसे तमाम सवालों का जवाब देना होता है।

लड़कियों की ये खास बातें ना चाहते हुए भी देना पड़ता है जवाब

इतनी रात को बाहर

अगर कोई लड़की अपनी किसी दोस्त के ब्रथडे पर रात को पार्टी में जाना चाहे तो उसे यह जरूर सुनने को मिलेगा कि क्या जरूरत है इतनी रात को जाना पार्टी तो दिन में भी की जा सकती है। अब इस सवाल का क्या जवाब दें। नाइट पार्टी के अपने अलग ही मजे होते हैं।

ढंग से बैठो

‘ये क्या है, पैर खोल कर क्यों बैठी हो, ढंग से बैठो। यह बात कभी किसी लड़की ने न सुनी हो यह मुझे तो असंभव सा लगता है। एक बात आज तक समझ नहीं आई कि बैठने का सही ढंग क्या होता है। कम से कम जब आप घर पर हैं तब तो अपनी मर्जी से बैठ ही सकती हैं, लेकिन नहीं वहां भी मां बेलन लेकर खड़ी हो जाती हैं।

ये क्या पहना है

जब भी घर से निकलते है तो मम्मी हो या बगल की आंटी सबसे पहले उनकी नजर हमारे कपड़े पर होती है। लेकिन फिर भी यह सवाल वहीं का वहीं है- ‘ये क्या पहना है’ तुम आज-कल की लड़कियां भी ना पता नहीं क्या–क्या पहनती हो। अरे भई वही पहना है जो मुझे पसंद है… चाहिए कोई और जवाब।

शादी कब कर रही हो

इस सवाल से तो हर लड़की को नफरत है। अरे भई मेरी शादी से किसी को क्या लेना देना, वो किसी की लाइफ को कैसे इफेक्ट कर सकती है। खासकर उन अंकल या आंटी के कहने से जो हमारे घर ही सालों में एक बार आते हैं या फिर बस फोन पर ही मां पापा से दोस्ती निभाते हैं।

धीरे बोला करो

क्या भई, आखि‍र तेज बोलने में क्या बुराई है। चलो ठीक है, लोग कहते हैं कि धीमा बोलना ठीक है, तो यह सलाह सिर्फ लड़कियों को ही क्यों दी जाती है। हमसे ज्यादा तेज तो लड़के बोलते है उसका क्या हां।

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