रिपोर्टर – मयूर शुक्ल/लखनऊ
छठ के महापर्व की छटा हर तरफ देखने को मिल रही है. जहां लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान में हजारों श्रद्धालुओं ने जुटकर छठ पूजा की. वहीं 4 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में आज उगते हुए सूरज को अर्ग देकर छठ का समापन किया गया. लगातार 36 घंटों से निर्जला व्रत कर रही महिलाओं ने पूजा के बाद प्रसाद खाकर व्रत तोड़ा और छठी मैया से अपनी मनोकामनाएं मांगी.
छठ पूजा के महापर्व के लिए आज आखिरी दिन उगते हुए सूर्य देव को अर्ग देने के लिए घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखने लायक थी. जहां लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान में कुछ ऐसी ही तस्वीरें देखने को मिली जहां पर लगभग 50 हज़ार लोगों ने एकत्रित होकर सूर्य देव की उपासना की और महिलाओं ने प्रसाद ग्रहण करके अपना व्रत को तोड़ा.
आपको बता दें कि लक्ष्मण मेला मैदान में लगातार 34 साल से अखिल भारतीय भोजपुरी समाज छठ पूजा का आयोजन कर रहा है. घाटों पर सुबह 4 बजे से ही लोगों का जुटना शुरू हो गया था और सूर्य देवता के निकलने का इंतजार हो रहा था.
वहीं सूर्य के निकलने का समय तो सुबह 6:00 का था लेकिन लखनऊ में प्रदूषण और स्मॉग की वजह से भक्तों को थोड़ा ज्यादा इंतजार करना पड़ा. लेकिन जैसे ही सूर्य की पहली किरण भक्तों पर पड़ी जय छठी मैया के जयकारे लगने लगे और श्रद्धालुओं ने सूर्य को अर्घ्य देकर अपनी पूजा पूरी की.
सूर्य को अर्घ्य-
महाभारत काल से चली आ रही छठ पूजा आज सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मनाई जाती है. जहां बिहार से शुरू हुई छठ पूजा ने आज पूरी दुनिया में अपनी परंपरा और महत्ता को स्थापित किया है. मुख्य रूप से महिलाएं इस व्रत को रखती हैं जो कि 36 घंटे बिना पानी पिए पूरी श्रद्धा से इस व्रत का पालन करती हैं।
कुशीनगर में पूरी आस्था के साथ मनाया गया महा छठ पर्व, लोगों में देखने को मिला उत्साह
डूबते हुए सूर्य को अर्घ देने के बाद अब बारी थी उगते हुए सूर्य को अर्घ देने की यह हिंदुओं का एकमात्र ऐसा त्यौहार है जिसमें डूबते और घूमते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है ऐसा कहा जाता है कि जो भी इस व्रत को पूरी श्रद्धा से रखता है तो छठी मैया उसकी सारी मनोकामनाएं जरूर पूरी करती। सूर्य को देखकर श्रद्धालुओं के चेहरे पर खुशी साफ तौर पर जाहिर हो रही है।
36 घंटे के बहुत ही कठिन निर्जला व्रत का पालन करने के बाद व्रतियों ने सूर्य को अर्घ्य दीया और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो ऐसी उन्होंने कामना की। व्रतियों ने अपना 36 घंटे का व्रत तोड़ा और कहा कि यह उनका सौभाग्य है की वह छठ पूजा का व्रत रखती हैं और यह गर्व की बात है कि यह महापर्व अब सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मनाया जाने लगा है।