रेलवे की नई तरकीब , अब खली बोतल फेंके नहीं रेलवे को दें , बदले में मिलेगा बहुत कुछ , जाने कैसे…

रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों की बोगियों में खाली बोतलों का कचरा न हो, इसके लिए रेलवे ने नई तरकीब निकाली है। रेलवे के इस नायाब तरीके से ट्रेनों में या स्टेशन परिसरों में बोतलें जहां-तहां फेंकी नजर नहीं आएंगी। वहीं यात्रियों को खाली प्लास्टिक बोतलों के बदले रिवार्ड भी मिलेगा। जहां प्लास्टिक की बोतलें जमा करने वालों को रेलवे प्रति बोतल पांच रुपये देगा।

 रेलवे की नई तरकीब , अब खली बोतल फेंके नहीं रेलवे को दें , बदले में मिलेगा बहुत कुछ , जाने कैसे...

 

बतादें की रेलवे के इस कदम से पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी। इसकी शुरुआत बिहार से हो चुकी है। जहां पूर्व मध्य रेलवे, हाजीपुर जोन के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) राजेश कुमार कहना हैं की बिहार की राजधानी पटना से जुड़े चार स्टेशनों पटना जंक्शन, राजेंद्रनगर, पटना साहिब और दानापुर स्टेशन पर रिवर्स वेंडिंग मशीनें लगाई गई हैं। इन मशीनों के जरिए प्लास्टिक की बोतलें इकट्ठा की जा रही हैं।

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अब सवाल यह है कि रेलवे इन बोतलों का क्या करेगा? दरअसल रेलवे, पानी की इन खाली प्लास्टिक की बोतलों से टी-शर्ट और टोपी बना रहा है। सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि रेलवे स्टेशनों पर बेकार पड़ी रहने वाली खाली पानी की प्लास्टिक की बोतलों से पूर्व मध्य रेलवे अब टी-शर्ट बना रही है।

दरअसल रेलवे स्टेशनों पर लगे बोतल क्रशर मशीन के प्लास्टिक का इस्तेमाल टी-शर्ट बनाने के लिए होगा। रेलवे के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि बोतलों को क्रश कर इसका लिक्विड बनता है उसके बाद टी-शर्ट, टोपी आदि बनाई जाती है। उन्होंने कहा कि इससे कलर पेंट भी बनाया जा सकता है।

 

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