रेलवे का बड़ा फैसला: अगर बेवजह की चेन पुलिंग, तो लग जायेगा कैरेक्टर पर दाग

ट्रेन में बेवजह चेन पुलिंग करने वालों की अब खैर नहीं। एक बार से ज्यादा चेन पुलिंग के मामले में पकड़े जाने पर ज्यादा जुर्माना तो भरना ही पड़ेगा, जेल भी जा सकते हैं। आरोपी का नाम थाने के अपराध रजिस्टर में दर्ज होगा।

बाद में इसे डीसीआरबी को भी भेजा जाएगा। यानी लिखापढ़ी में अपराधी माने जाएंगे और सरकारी नौकरी लगने पर चरित्र प्रमाण पत्र हासिल करने में मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

चेन पुलिंग

आरपीएफ चेन पुलिंग के आरोपी को रेलवे मजिस्ट्रेट के सामने पेश करती है। जुर्माने की राशि 500 रुपये जमा कर वह छूट जाता है। लेकिन अब आरपीएफ मजिट्रेट के समक्ष आरोपपत्र के साथ रेलवे को हुए नुकसान का ब्यौरा भी जमा करेगी।

इसी आधार पर जुर्माना तय होगा। चेन पुलिंग की बढ़ते मामलों पर अधिकारियों ने निर्णय लिया है कि ऐसे केस में जांच अधिकारी अपनी विवेचना इतनी ठोस बनाए जिससे आरोपी पर भारी जुर्माना लगे।

खलीलाबाद से बस्ती के बीच ज्यादा चेन पुलिंग
लखनऊ मंडल में खलीलाबाद से बस्ती के बीच ज्यादा चेन पुलिंग होती है। ऐसे मामले उन एक्सप्रेस ट्रेनों में ज्यादा सामने आते हैं जिनका स्टॉपेज कम होता है। चेन पुलिंग करने वाले ज्यादातर विद्यार्थी होते हैं।

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जुर्माने का प्रावधान
अभी तक रेलवे एक्ट 1989 की धारा 141 के तहत चेन पुलिंग होने पर पकड़े जाने पर अधिकतम 1000 रुपये का जुर्माना या एक साल तक की कैद का प्रावधान है। अमूमन मजिस्ट्रेट आरोपियों पर 500 रुपये ही जुर्माना कर उसे छोड़ देते थे। जुर्माना न देने की स्थिति में केवल नाममात्र केसों में ही एक माह की सजा होती थी।

2018-19 में 1250 मामले आए
पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल में सत्र 2018-19 में चेन पुलिंग के 1250 मामले सामने आए। अप्रैल 2019 में 300 तथा मई में 315 चेन पुलिंग की गई।

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