रेखाएं बताएंगी कि कैसा होगा आपका जीवनसाथी

विवाह रेखा एक से ज्यादा हो तो जो रेखा लम्बी हो उसे विवाह की रेखा समझना चाहिए। शेष छोटी रेखाएं प्रेम संबंधों या सगाई के बारे में बताती हैं। प्रधान रेखा यदि लम्बी हो लेकिन लहरदार होकर पतली हो जाए तो यह जीवन साथी के स्वास्थ्य के उतार-चढाव को दर्शाती है।

जीवनसाथी
सबसे छोटी अंगुली (किनिष्ठका) के नीचे बुध का स्थान माना गया है। यहीं से हृदय रेखा निकल कर बृहस्पति के स्थान की तरफ जाती है। अंगुली के मूल में और हृदय रेखा के मध्य के स्थान पर दिखाई देने वाली आड़ी रेखाओं से व्यक्ति के विवाह का आकलन किया जाता है। रेखाओं की संख्या, स्थिति और उनकी बनावट से विवाह की आयु, स्वरूप, विवाह की संख्या और जीवन साथी की शारीरिक बनावट का आकलन किया जाना चाहिए।

कुछ लोग प्रेम विवाह के लिए उक्त रेखाओं से गणना करते हैं। लेकिन वास्तव में प्रेम विवाह के लिए हथेली में बृहस्पति, शुक्र और मंगल के स्थान भी बहुत प्रभावी देखें गये हैं। हालांकि प्रेम विवाह होगा या नहीं, इसकी जानकारी के लिए बुध के स्थान पर पड़ी रेखाओं से काफी कुछ स्पष्ट किया जा सकता है। लेकिन प्रेम विवाह में आ रही अड़चने और प्रेमिका (या प्रेमी) के स्वभाव और चरित्र के बारे में शुक्र और बृहस्पति से अंदाजा लगाना ठीक रहेगा।

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जब विवाह रेखा दूसरी प्रधान रेखाओं की तुलना में निम्न या उच्च दिखाई दे तो यह अंतरजातीय विवाह की सूचक है। कुछ विद्वान इसे अपने से धनी या निर्धन परिवार में विवाह होने का प्रतीक समझते हैं। अर्थात ऐसी रेखाएं बेमेल विवाह करवाती हैं। यदि इस प्रकार का कोई योग यदि दिखाई दे तो यह निश्चित है कि ऐसे व्यक्ति का विवाह सामान्य तो नहीं होगा।
इसलिए होता है विवाह में विलम्ब

यदि बृहस्पति अपने स्थान से शनि की तरफ झुकाव लिये हो तो 30 वर्ष की आयु के बाद विवाह होता है।
पुरूष की हथेली में जब विवाह रेखा हृदय रेखा से काफी दूर हो, शुक्र का आकार हथेली में राशि सामंजस्य न बैठा पाता हो साथ ही बृहस्पति के स्थान पर कोई शुभ चिह्न न हो, तो ऐसे जातक का विवाह प्रायः देरी से हुआ करता है। कितनी देरी होगी और विवाह कब होगा यह जानने के लिए पुनः विवाह रेखा से ही आकलन करना चाहिए।
यदि हथेली में विवाह रेखा ही न हो तो विवाह में काफी देर हो सकती है। लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि जीवन में विवाह नहीं होगा। यह अवश्य है इसके कारण विवाह में अनावश्यक रूप से देरी हो सकती है। या फिर उपाय करने पर ही विवाह होगा।

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कुछ जरूरी बातें

यदि विवाह रेखा द्वीप युक्त हो तो यह जीवन साथी के खराब स्वास्थ्य का द्योतक है।
विवाह रेखा का मध्य में खण्डित हो जाना विवाह के टूटने के संकेत हैं। लेकिन इसके लिए हथेली के दूसरों चिह्नों पर भी विचार करना चाहिए।
यदि विवाह रेखा सर्प-जिह्वाकार हो तो यह पति-पत्नि के मध्य विचारों की भिन्नता को दर्शाती है।
लम्बी और सूर्य के स्थान तक जाने वाली विवाह रेखा संपन्न और समृद्ध जीवन साथी की प्रतीक है।
जब विवाह रेखा को खड़ी रेखाएं काट रही हो तो यह विवाह में हो रहे विलम्ब और बाधाओं की सूचक हैं।

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