आजाद भारत में कब-कब और क्यों आधी रात को चली संसद?

रात को संसदनई दिल्ली| एक जुलाई की आधी रात से पूरे भारत में जीएसटी लागू हो जाएगा। इसको हमारे देश के राष्ट्रपति लांच करेंगे। इसके लिए संसद के सेन्ट्रल हॉल में भव्य कार्यक्रम होगा। इस कार्यक्रम की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। आजाद भारत के इतिहास में यह चौथा मौका होगा जब आधी रात को संसद का स्पेशल सेशन बुलाया गया है।

रात को संसद कब कब चली?

वैसे तो प्रोग्राम के लिए सभी सांसद, सभी राज्य सरकारों के वित्त मंत्री और शुरू से लेकर अब तक एम्पावर्ड मीटिंग के मेंबर्स रहे लोगों को न्योता दिया गया है लेकिन इसके विरोधी भी कम नहीं है। कांग्रेस पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके और लेफ्ट ने इस स्पेशल सेशन के बायकॉट का एलान किया है।

फिलहाल, हम आपको बताते हैं कि कब-कब आधी रात को सेंट्रल हॉल में संसद का सेशन बुलाया गया है।

14 अगस्त 1947: देश को आजादी मिलने वाली थी। इसलिए आधी रात को स्पेशल सेशन बुलाया गया। तब सेंट्रल हॉल को कॉन्स्टिट्यूशन हॉल कहा जाता था। सबसे पहले स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कुर्सी संभाली और वन्दे मातरम गाया। इसके बाद राष्ट्रपति और फिर पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने ऐतिहासिक भाषण दिया।

14 अगस्त 1972: आजादी मिले 25 साल पूरे हुए। इस मौके पर भी संसद का मिडनाइट सेशन बुलाया गया। तब वीवी गिरी राष्ट्रपति थे। इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं।

14 अगस्त 1997: आजादी की 50वीं सालगिरह के मौके पर भी मिडनाइट सेशन बुलाया गया। इस दौरान इंद्र कुमार गुजराल पीएम थे और केआर नारायणन राष्ट्रपति थे।

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