राज बब्बर ने दिया ऐसा संकेत कि हिल गई कांग्रेस, पार्टी नहीं बचा पा रही प्रदेश अध्यक्ष

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। चुनाव नतीजों को लेकर शुक्रवार को राज बब्बर ने एक ट्वीट किया, जिसमें यूपी में हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने के संकेत दिए हैं।

राज बब्बर

राज बब्बर ने लिखा, ‘जनता का विश्वास हासिल करने के लिए विजेताओं को बधाई। यूपी कांग्रेस के लिए परिणाम निराशाजनक हैं। अपनी ज़िम्मेदारी को सफ़ल तरीके से नहीं निभा पाने के लिए ख़ुद को दोषी पाता हूं। नेतृत्व से मिलकर अपनी बात रखूंगा।’

राज बब्बर को कभी करिश्माई नेता माना जाता था। आगरा सीट पर सपा के टिकट पर उतरे तो एक नहीं, दो बार जीते। कांग्रेस में गए तो छा गए। एक तो ग्लैमर का जादू, दूसरा जमीनी पकड़, तीसरा राजनीति के फंडे भी अच्छी तरह आते हैं लेकिन वो अलग दौर था, मोदी लहर नहीं थी।

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डिंपल को हरा चुके हैं राज बब्बर

राज बब्बर ने जब फिरोजाबाद में सैफई परिवार की बहू डिंपल यादव को हराया तो उनका डंका दूर तक बजा। कांग्रेस को लगा कि वो प्रदेश में हाथ के पंजे को मजबूत कर सकते हैं लेकिन 2014 में वो खुद गाजियाबाद से इतनी बुरी तरह हारे कि उनकी जमानत जब्त हो गई।

तब बहाना बनाया कि गाजियाबाद की गलियों से वाकिफ नहीं थे। इस बार फतेहपुर सीकरी से उतरे। यह तो जानी पहचानी जगह है। पहले भी लड़ चुके हैं। यहां भी हार का सामना करना पड़ा। वो लगातार दो चुनाव बुरी तरह से हार चुके हैं।

उनकी रणनीति पर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि कांग्रेस के धुरंधर धूल चाट रहे हैं। वहीं, जिलाध्यक्ष दुष्यंत शर्मा पर भी हार का ठीकरा फूट सकता है। वह काफी समय से इस पद पर हैं। उनके कार्यकाल में कांग्रेस को हार पर हार मिल रही है।

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जिसे टिकट दिलाया, उसकी जमानत जब्त

आगरा से प्रीता हरित मैदान में उतरीं। बताया गया कि उन्हें राज बब्बर लेकर आए हैं। प्रीता की जमानत जब्त हो गई। पूरे चुनाव में एक दिन के लिए भी नहीं लगा कि वह मुकाबले में हैं। मतदान के दिन कांग्रेस के बस्ते तक नहीं लगे थे कई बूथों पर।

 

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