राज्य महिला आयोग उपाध्यक्ष ने डाला मेरठ में डेरा, अधिकारियों को लगाई फटकार

रिपोर्ट:-लोकेश टण्डन, मेरठ

महिला उत्पीड़न के खिलाफ महिलाओं की आवाज बनकर कर खड़ी हुई राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह ने 2 दिन से मेरठ में अपना डेरा डाला हुआ है। पहले दिन सर्किट हाउस में अधिकारियों की मीटिंग ली गई तो दूसरे दिन मेरठ के महिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया। उसके बाद देर रात में एंटी हुमन ट्रैफकिंग यूनिट पहुंची और वहां मौजूद इंस्पेक्टर और दरोगा को जमकर फटकार लगाई।

महिला आयोग

बता दें कि राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष  सुषमा सिंह दो दिन पहले यानी 2 जून को मेरठ पहुंची थी इसके बाद उन्होंने सर्किट हाउस में महिला उत्पीड़न को रोकने के लिए अधिकारियों की मीटिंग ली थी और कल उन्होंने अचानक महिला जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया.

जिसमें तमाम तरह की खामियां उनको नजर आई जिस पर वहां मौजूद चिकित्सक और अधिकारियों को उन्होंने जमकर लताड़ा और जल्द से जल्द सुधार करने के आदेश भी दिए।

उसके बाद देर रात को उन्हें पता लगा कि एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने कंकरखेड़ा इलाके में छापेमारी करके एक घर मे चल रहा सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया है।

जिसमें संचालिका, एक यवती , एक युवक सहित एक नाबालिग लड़की को भी बरामद किया गया तो तुरंत सुषमा सिंह एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट पहुंची. तो वहां उन्हें तीनों में से कोई नहीं मिला तो उन्होंने वहां मौजूद इंस्पेक्टर बृजेश कुमार और दरोगा लतेश से पूछा दोनों ने महिलाओं को आशा ज्योति केंद्र भेजने की बात कही.

लेकिन आशा ज्योति केंद्र पर भी फोन करने के बाद वहां उनके पहुंचने की पुष्टि नहीं की जिस पर इंस्पेक्टर को जमकर फटकार लगाई । कुछ ही देर बाद आशा ज्योति केंद्र से पुष्टि हो गई थी तीनों महिलाएं आशा ज्योति केंद्र में आ चुकी है.

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वहीं लाइव टुडे से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए सुषमा सिंह ने कहा कि महिलाओं के उत्पीड़न का कारण छोटी बच्चियों के लालच में आना भी है, क्योंकि छोटी बच्चियां बड़ी आसानी से किसी भी व्यक्ति द्वारा दिए गए लालच में आ जाती हैं और फिर उनको मुसीबत झेलनी पड़ती है। वहीं उन्होंने माता पिता के जागरूकता की कमी के कारण भी महिलाओं का उत्पीड़न होने की बात कही है।

उन्होंने कहा कि महिलाओं के जागरूक और उनके माता पिता को जागरूक करने के लिए आयोग द्वारा तमाम जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं जो आईटीआई, नर्सिंग होम, विद्यालय, कॉलेज विशेषकर ग्रामीणों में साथ ही ऐसी जगह जहां महिलाओं की भागीदारी होती है वहां जागरूकता कार्यक्रम चलाएंगे.

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