अभी-अभी : हाई कोर्ट के एक फरमान से निर्वाचन आयोग के छूटे पसीने, 24 घंटे के भीतर हो नगर निगम चुनाव…

राज्य निर्वाचन आयोगनई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने सोमवार को कड़ा रुख अख्तियार करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग को 24 घंटे के भीतर शिमला नगर निगम का चुनाव कराने की घोषणा करने का निर्देश देते हुए 19 जून तक नए निकाय का गठन सुनिश्चित करने को कहा। न्यायालय ने कहा कि विधिवत निर्वाचित पार्षदों के नए निकाय का गठन 19 जून तक हो जाना चाहिए और चुनाव पांच मई को प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची के आधार पर हों।

25 सदस्यीय नगर निगम में वर्तमान में कांग्रेस के 10, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 12 तथा मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के तीन सदस्य हैं।

पीठ ने कहा कि मौजूदा नगर निगम में निर्वाचित/नामित सदस्यों को चार जून के बाद पद पर रहने की अनुमति नहीं मिलेगी।

न्यायालय ने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग (एचपीएसईसी) के निकाय चुनाव को स्थगित करने के फैसले को बरकरार नहीं रखा जा सकता, क्योंकि यह संविधान के अनुच्छेद 243-यू के विपरीत है। न्यायालय ने 26 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

मतदाता सूची में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद एचपीएसईसी ने इस महीने होने वाले निकाय चुनाव को स्थगित कर दिया था।

याचिकाकर्ता राजू ठाकुर ने एचपीएसईसी के कदम को चुनौती देते हुए इसे अलोकतांत्रिक करार दिया था।

न्यायालय ने 46 पन्नों के अपने फैसले में कहा कि चार जून तक नव निर्वाचित निकाय का गठन हो जाना चाहिए क्योंकि नगर निगम का अंतिम गठन चार जून, 2012 को हुआ था।

एचपीएसईसी की नवीनतम अधिसूचना के मुताबिक, 15 जून से 23 जून तक मतदाता सूची की विशेष समीक्षा करनी है।

विपक्षी भाजपा ने राज्यपाल आचार्य देवव्रत से अनुरोध किया था कि वह सुनिश्चित करें कि नगर निगम चुनाव वक्त पर हों।

मई 2012 में निगम के पहले प्रत्यक्ष चुनाव के तहत माकपा के संजय चौहान को महापौर तथा तिलकेंद्र पंवार को उप महापौर निर्वाचित किया गया था। निगम पर बीते 26 वर्षो से कांग्रेस का कब्जा था।

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