राजा भैया की रैली में उमड़ा जन सैलाब, विपक्षी दल ताकते भर रह गये

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की कुंडा विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने शुक्रवार को राजधानी के रमाबाई मैदान में रैली कर अपनी राजनीतिक ताकत का अहसास कराया।

राजा भैया की रैली

चर्चा थी कि राजा भैया इस कार्यक्रम में अपनी प्रस्तावित नई पार्टी के नाम और एजेंडे की घोषणा कर सकते हैं, पर उन्होंने मामला निर्वाचन आयोग के पास होने के कारण ऐसा नहीं किया। राजा भैया ने कहा, “हमने सर्वे कराया था कि हमें क्या करना चाहिए। इसमें निर्दलीय रहने, किसी पार्टी में शामिल होने या नया दल गठित करने की राय मांगी थी, जिसमें 20 लाख लोगों ने राजनीतिक दल बनाने को कहा है। इसके बाद मैंने पार्टी बनाने का फैसला किया।”

उन्होंने कहा, “हमने आयोग को तीन नाम दिए हैं- जनसत्ता दल, जनसत्ता पार्टी और जनसत्ता लोकतांत्रिक पार्टी। इनमें से कोई एक नाम तय होगा। जब पार्टी का गठन हो जाएगा, तब एजेंडा भी बनाया जाएगा। हमारी पार्टी गरीब, किसान और मजदूर के लिए समर्पित होगी।”

राजा भैया ने कहा, “आजकल लोग जाति पूछकर मुआवजा दे रहे हैं। क्या उत्पीड़न होने पर दलित को ज्यादा कष्ट होगा, अन्य को नहीं? हम दलित विरोधी नहीं हैं, लेकिन दलित के लिए अलग मुआवजा, यह भेदभाव क्यों? हम यह नहीं कहते कि दलित समाज के मुआवजे में किसी प्रकार की कमी हो, अगर किसी की यहां हत्या हो जाती है तो मुआवजे में भेदभाव न हो।

उन्होंने कहा, “देश की सुरक्षा के लिए जवान सीमा पर तैनात रहते हैं, लेकिन युद्ध के दौरान शहीद होने वाले जवानों के परिजनों को योजनाओं का लाभ मिलता है। इसलिए हम सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों के लिए भी काम करेंगे। हमारी पार्टी का एजेंडा है कि सेना और अर्धसैनिक बल के जवानों के सीमा पर शहीद होने पर आश्रितों को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि दी जाए।”

राजा भैया ने आगे कहा, “हमें इतनी ज्यादा भीड़ की आशा नहीं थी, पर यहां पर पूरे देश के कोने-कोने से लोग आए हैं। सभी का दिल से आभार करते हैं। गृहस्थी एक दिन में इकट्ठा नहीं होती। जैसे घर बनता तो किसी दिन बेड आता है, किसी दिन कुछ और। इसलिए जनसत्ता पार्टी बनने पर सारी गृहस्थी इक्कठा हो जाएगी।”

उन्होंने कहा कि बहुत से ऐसे मुद्दे हैं, जिसमें बहुत से दल गोलमोल जवाब देते हैं। जल्दी ही पार्टी का घोषणापत्र जारी होगा, जिसमें स्पष्ट रूप से इन मुद्दों पर कहा जाएगा। उत्पीड़न होने पर सवर्णो को भी मुआवजा दिए जाने की बात होगी।

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विधायक ने कहा, “वर्ष 1989 में राजीव गांधी ने एससी-एसटी एक्ट बनाया गया और इसको अब और जटिल बनाया जा रहा है। अभी हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने इस एक्ट पर निर्णय दिया। उसमें संशोधन के लिए संसद में विधेयक लाया गया। यह एक्ट हमारे समाज के लिए गलत है और जो राजनीतिक दल एक-दूसरे को गालियां देते हैं, उन्होंने एक स्वर से इस एक्ट को संसद में पास कर दिया।”

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राजा भैया ने अपनी सियासी पारी की शुरुआत वर्ष 1993 में की थी। वह कुंडा विधानसभा क्षेत्र से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं। उनका प्रभाव इलाहाबाद के समीप आने वाले कई जिलों में है। वहां के विधायक और सांसद उनके लगातार संपर्क में रहते हैं।

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