केजरीवाल ने दिल्ली में किसानों के आन्दोलन के लिये मोदी को जिम्मेदार बता दिया है…

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि मोदी सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में यह कहकर किसानों के पीठ में छुरा घोंपा है कि वह एम.एस. स्वामीनाथन आयोग के अनुशंसा को लागू नहीं कर सकती, जिसका भाजपा ने 2014 में वादा किया था।

मोदी सरकार

जंतर-मंजर पर किसानों की रैली को संबोधित करते हुए, आप नेता ने केंद्र की फसल बीमा योजना को ‘फ्रॉड’ करार दिया और इसे समाप्त करने की मांग की।

केजरीवाल ने कहा, “सीमा पर जवान और खेत में किसान दुखी हैं। यह एक दुखद स्थिति है। भाजपा ने 2014 में किए गए वादों का अपमान किया है।”

भाजपा को उसके वादों और स्वामीनाथन आयोग की याद दिलाते हुए केजरीवाल ने सत्तारूढ़ पार्टी पर चुनावी वादों से पीछे हटने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, “उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में एक शपथ पत्र दाखिल किया है और कहा है कि वह इसे लागू नहीं कर सकते। इससे बड़ा धोखा और क्या हो सकता है। इस सरकार ने किसानों की पीठ में छुरा घोंपा है।”

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उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार वादों को पूरा करने में विफल रहती है, तो किसान 2019 चुनावों में भगवा पार्टी को सबक सिखाएंगे।

उन्होंने कहा, “वे भीख नहीं मांग रहे हैं, बल्कि अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं। एकबार जब उनका ऋण माफ कर दिया जाएगा, तो वे फिर इसकी मांग नहीं करेंगे। सरकार को किसानों के उत्पाद को उचित दाम में खरीदना चाहिए।”

उन्होंने फसल बीमा योजना पर निशाना साधते हुए कहा, “यह बीमा योजना नहीं है, बल्कि यह भाजपा का ‘किसान डाका योजना’ है। इसे अवश्य ही समाप्त होना चाहिए और इसके स्थान पर सरकार को किसानों के लिए क्षतिपूर्ति योजना (कंपनसेशन स्कीम) शुरू करना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “अगर आपको किसानों की चिंता नहीं है, तो जाइए अंबानी व अडानी का वोट लीजिए। किसानों का वोट मांगने उनके पास मत जाइये।”

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