रघुराम राजन ने इस साल की मंदी की तुलना 15 साल पहले आर्थिक व्यवस्था से….

रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने आर्थिक मंदी को लेकर 15 साल पीछे से तुलना की हैं. जहां उनका कहना हैं की इस साल की अर्थवयवस्था का दौर काफी पुराना से जोड़ा जा रहा हैं . देखा जाये तो इस साल में जो मंदी थी वो15 साल पहले ऐसे स्थिति आई थी.

खबरों के मुताबिक रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने अर्थव्यवस्था के सुस्त होने को लंबे समय बाद होने वाली घटना बताया है. लंदन के किंग्स कॉलेज में नेशनल स्टूडेंट्स ऐंड एल्यूमनी एसोसिएशन की ओर से आयोजित पर्सपेक्टिवः गांधी एट 150 विषय के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के कई क्षेत्रों में बेरोजगारी एक फैक्ट है.

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आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने भूमि, श्रम शक्ति और लॉजिस्टिक्स के सतत सुधार पर जोर दिया और कहा कि इसे लेकर हम गंभीर नहीं रहे हैं. उन्होंने वर्तमान सरकार के अप्रोच को केंद्रीयकृत, निरंकुश बताते हुए आलोचना करते हुए कहा कि यह बहुसंख्यकवाद का समर्थन करता है. राजन ने शिकायती अंदाज में कहा कि अल्पसंख्यकों के लिए रास्ता काम नहीं कर रहा.

दरअसल आरबीआई के गवर्नर ने कुछ दिन पहले ब्राउन यूनिवर्सिटी में बढ़ते राजकोषीय घाटे पर चिंता जताई थी. उन्होंने अर्थवयवस्था में सुस्ती के लिए जीएसटी और नोटबंदी जैसे कदमों पर चिंता जताई थी. उन्होंने जीडीपी की विकास दर में गिरावट के लिए निवेश, खपत और निर्यात में सुस्ती के साथ ही एनबीएफसी क्षेत्र में संकट को जिम्मेदार ठहराया था.

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