भुगतान बैंक लाइसेंस लौटाए जाने से चिंतित नहीं : राजन

रघुराम राजनमुंबई| भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को कहा कि वह कुछ कंपनियों द्वारा भुगतान बैंक लाइसेंस लौटाए जाने से चिंतित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि एक व्यवस्था बनाकर यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि लाइसेंस के लिए आवेदन करने से पहले कंपनियां पूरी जांच-पड़ताल कर लें, क्योंकि आवेदनों की जांच-परख करने में काफी खर्च आता है।

रघुराम राजन का बयान

उन्होंने वर्तमान वित्त वर्ष की दूसरी द्विमाही मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करने के बाद संवाददाताओं से कहा, “हम इस बात को लेकर अधिक चिंतित नहीं हैं कि कुछ लोगों ने विश्लेषण करने के बाद यह फैसला किया है कि वह आगे नहीं बढ़ेंगे। वस्तुत: इस बात से यही पता चलता है कि लाइसेंस समुचित रूप से उदार था और कई तरह के खिलाड़ी सामने आ रहे हैं।”

राजन ने कहा, “हमने उन सभी को लाइसेंस दिया, जिसके बारे में हमें लगा कि उनके पास भुगतान बैंक चलाने के लिए समुचित योग्यता है। हमारा मानना था कि उन्होंने भी व्यापार की संभावना पर तहकीकात कर ली है, और विश्लेषण करने और नए खिलाड़ियों को सामने आते देखने के बाद उन्होंने पीछे हटने का फैसला किया।”

आरबीआई ने पिछले साल 11 आवेदकों को भुगतान बैंक स्थापित करने की सैद्धांतिक अनुमति दी थी। इनमें डाक विभाग, आदित्य बिड़ला नूवो, एयरटेल एम कॉमर्स सर्विसिस, फिनो पेटेक, नेशनल सिक्युरिटीज डिपॉजिटरी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टेक महिंद्रा और वोडाफोन एम-पैसा शामिल हैं।

इनमें से टेक महिंद्रा, चोलामंडलम इनवेस्टमेंट फाइनेंस कंपनी और दिलीप शांघवी, आईडीएफसी बैंक और टेलीनॉर फाइनेंशियल सर्विसिस के कंशोर्टियम ने अपने लाइसेंस वापस करने का फैसला किया है।

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