रक्षामंत्री राजनाथ आज भरेंगे तेजस में उड़ान, सारी तैयारियां पूरी
आज बेंगलूरु से रक्षामंत्री राजनाथ सिंह बेंगलूर से स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरने वाले हैं. ये अपने आप में अलग इसलिए है कि पहली बार देश का कोई रक्षा मंत्री लड़ाकू विमान तेजस में बैठ कर उड़ान भरेगा. बेंगलूरु में सुलूर एयर फोर्स स्टेशन पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के उड़ान की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
बता दें कि तेजस लड़ाकू विमान भारत में ही तैयार किया गया है. इसे हिंदुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड ने तैयार किया है और ये देश का सबसे हल्का लड़ाकू विमान भी है.
83 तेजस विमानों के लिए Hindustan Aeronautics Limited को करीब 45 हजार करोड़ रुपए मिलेंगे. तेजस में रक्षा मंत्री की यह उड़ान उस वक्त होने जा रही है जब HAL को भारत में तैयार किए जाने वाले 83 LCA MARK 1 A विमान के निर्माण के लिए 45 हजार करोड़ रुपये की परियोजना मिलने वाली है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमान को 3 साल पहले ही भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया था. अब तो तेजस का अपग्रेड वर्जन भी जल्द ही आने वाला है.
तेजस लड़ाकू विमान की खासियत
- तेजस भारतीय वायुसेना का सबसे तेज विमान है. ये पलक झपकते ही आसमान की उचाईयों तक पहुंच जाता है.
- इसकी रफ्तार 2200 किलोमीटर प्रति घंटा है.
- तेजस 50,000 फीट तक उड़ान भर सकता है.
- तेजस अपने साथ करीब 9,5000 किलो वजन के साथ उड़ान भरने में सक्षम है.
- तेजस लेजर गाइडेड मिसाइलों से हमला करने में सक्षम है.
- जरुरत पड़ने पर तेजस डर्बी और अस्त्र मिसाइल से लैस हो सकता है.
- तेजस कम ऊंचाई पर उड़कर भी दुश्मन पर हमला कर सकता है.
- तेजस की लंबाई 13.20 मीटर है. ये 5,680 किलोग्राम भारी है. जबकि इसकी सुपरसोनिक रफ्तार 1.8 मेक है.
- तेजस की रेंज 3000 किलोमीटर है.
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तेजस में आज उड़ान भरने के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह 28 सितंबर को भारत के कीव-स्तर के विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य पर अरब सागर में पूरा दिन बिताएंगे. Indian Navy के उप प्रमुख वाइस एडमिरल जी.अशोक कुमार ने मंगलवार को दी जानकारी के मुताबिक, इससे पहले उसी दिन आईएनएस खंडेरी को नौसेना में शामिल किया जाना है.
आईएनएस खंडेरी भारत की दूसरी स्कार्पियन-वर्ग की मारक पनडुब्बी है, जिसे पी-17 शिवालिक वर्ग के युद्धपोत के साथ नौसेना में शामिल किया जाएगा और 28 सितंबर को ही रक्षामंत्री विमान वाहक ड्राइडॉक की आधारशिला रखेंगे.