भारत के इन ऑफबीट स्थानों पर लें कलरफुल होली उत्सव का मज़ा

होली का त्योैहार आ गया है। होली, यानि रंगों का रंगबिरंगा त्यो हार।  वैसे तो भारत में पूरे साल त्योहार मनाने का सिलसिला चलता रहता है लेकिन होली और दीपावली दो ऐसे त्योहार हैं जो पूरे देश में बड़ी ही धूम-धाम के साथ मनाये जाते हैं। रंगों के त्योहार ‘होली’ जैसी मस्ती शायद ही किसी और त्योहार में देखने को मिलती हो। होली ऐसा त्योेहार है जो कई जगहों पर लगभग हफ्ते भर चलता है। वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला ये त्यौहार हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। जिस दिन रंगों में मदमस्तं लोग एक-दूसरे पर रंग, अबीर-गुलाल फेंकते हैं, ढोल बजाकर होली के गीत गाये जाते हैं और घर-घर जा कर लोगों को रंग लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि होली के दिन लोग पुरानी दुश्मकनी को भूल कर गले मिलते हैं और फिर से दोस्त बन जाते हैं। एक तरह से कह सकते हैं कि होली मेल-मिलाप का त्योरहार है।

भारत के इन ऑफबीट स्थानों पर लें कलरफुल होली उत्सव का मज़ा

पहले जहां त्योहारों को घर पर रहकर मनाने का चलन था अब वहीं लोग त्योहार के अवसर पर अपने पार्टनर, फैमिली या फ्रैंड्स के साथ ट्रिप प्लान करना पसंद करते हैं और फैस्टिरवल को अलग अंदाज में सैलिब्रेट करना चाहतें हैं। इस होली पर आप भी अपने पार्टनर या फ्रैंड्स के साथ इन ऑफबीट जगहों पर जाकर होली का मजा ले सकती हैं और एक-दूसरे को रंगने और गाने-बजाने के मजे को दोगुना कर सकती हैं।

कर्नाटक की हंपी होली

कर्नाटक होली के लिए बेस्ट डेस्टिनेशंस में से एक है। जहां कर्नाटक में हर साल हंपी में लाखो की संख्या में देसी और विदेशी सैलानी आते हैं। वहीं मार्च के महीने में ज्यादातर सैलानी यहां साइट सीइंग करने के साथ ही होली सेलिब्रेट करने आते हैं। इन दिनों में हंपी की ऐतिहासिक गलियों में स्थानीय लोगों के साथ ही टूरिस्ट भी इक्ट्ठा हो जाते हैं फिर ढोल-नगाड़ों की थाप पर जुलूस निकलता है और नाचते-गाते होली का गुलाल उड़ाया जाता है। हंपी में होली मनाने और यहां के मुख्य आकर्षणों को देखने के लिए 4 दिन काफी होते हैं। खास बात यह है कि इस बार होली पर वीकेंड पड़ने के कारण आपको अपनी, बच्चोंफ या फिर पति की छुट्टियों की दिक्कत का सामना भी नहीं करना पड़ेगा। ये बात और है, कि साउथ में होली सेलिब्रेशन कम देखने को मिलता है लेकिन कर्नाटक के हंपी की होली आप भूल नहीं पाएंगे। तो इस साल आप होली यहां मना सकते हैं।

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मणिपुर की होली

भले ही मणिपुर की होली बहुत प्रसिद्ध न हो। लेकिन यहां होली होती बहुत मजेदार है। मणिपुर में छिट-पुट रूप में मनाई जाने वाली होली अब बहुत ही उल्लाणस के साथ वहां के योसंग त्यौहार के साथ मनाई जाती है। योसंग त्योहार और होली का उत्सव यहां 6 दिन तक चलता है। इस दौरान, यहां खाने-पीने के पारंपरिक स्वाद का जायका आप लिया जा सकता है। मणिपुर की प्राकृतिक सुंदरता और इस त्योहार के रंगों में इसकी भव्यता कहीं अधिक बढ़ जाती है।

केरल

केरल मे होने वाला ओंणम फेस्टिवल दुनियाभर में प्रसिद्ध है। लेकिन यह बात कम ही लोग जानते हैं कि रंगों का त्योहार होली भी यहां उतनी ही धूम के साथ मनाया जाता है। एक वक्त था जब कहा जाता था कि होली सिर्फ उत्तर भारतीय क्षेत्रों का त्योहार है लेकिन जिन्हें रंगों से प्यार है, उन सैलानियों के लिए केरल में होली मनाना यादगार अनुभव रहेगा। होली को यहां मंजुल कुली और उक्कुली के रूप में जाना जाता है। अगर आप शांत और शालीन तरीके से होली के रंग में रंगना चाहते हैं तो केरल की होली आपके लिए बेस्ट रहेगी।

बंगाल

बंगाल में होली को डोल जात्रा के रूप में जाना जाता है। यह होली से एक दिन पहले मनाया जाता है। इस दिन महिलाएँ लाल बॉर्डर वाली पारंपरिक सफ़ेद साड़ी पहन कर शंख बजाती हैं। यहां भी यह त्योहार दो दिनों तक मनाया जाता है। सबसे ज्यादा तहजीब के साथ होली खेली जाती है तो वो बंगाल और ओडिशा में खेली जाती है। इन दोनों ही जगहों पर होली को डोल पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। यहां होली के अवसर पर ज्यादातर लोग सिर्फ सूखे रंग का ही इस्तेमाल करते हैं। यहां त्योहारों का नाम अलग है लेकिन उनका रस एक जैसा ही है।

रंगों का रंग-रंगीला त्यौहार होली केवल अपने देश में ही नहीं बल्कि सरहदों के पार विश्वव के कई देशों में बड़ी उमंग व उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह दूसरी बात है कि इस पर्व का अलग-अलग नामों के साथ मनाया जाता है। एक ओर मथुरा, वृंदावन की ब्रज की होली तो दूसरी तरफ उत्तंराखण्डज के कुमाउ की बैठकी और खड़ी होली। ऐसे ही असम के गुवाहाटी में होली खेलने का अंदाज जरा स्पेन जैसा है। यहां भी लोग टमाटरों के साथ होली खेलते हैं और खूब मजे उठाते हैं।

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