गुजरात का डेयरी मॉडल यूपी में भी होगा लागू

योगी सरकारलखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार किसानों की खुशहाली के लिए राज्य में डेयरी विकास के गुजरात मॉडल के संशोधित रूप को लागू करने जा रही है। सरकार का मत है कि किसानों की आमदनी बढ़ाना उसका पहला उद्देश्य है और इसके लिए डेयरी विकास एक अमोघ अस्त्र साबित हो सकता है। 

प्रदेश के दुग्ध विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि भगवान कृष्ण के जमाने में दूध, दही की नदिया बहती थी और उनका उद्देश्य उसी दौर को राम, कृष्ण की धरती पर वापस लाने का है।

मंत्री ने कहा कि किसान की आमदनी बढ़ाने के लिए केवल खेती से काम नहीं चलेगा, बल्कि इसके लिए अलग-अलग काम करने होंगे। डेयरी विकास उसमें सबसे अहम है।

उनका कहना था, “गुजरात का डेयरी मॉडल देश में सबसे अच्छा है इसलिए उस मॉडल को और बेहतर बनाते हुए सूबे में लागू किया जाएगा। जब वह कृषि मंत्री थे तब उन्हें उप्र में अन्न उत्पादन को बढ़ाने का गौरव मिला था और इसके लिए तत्कालीन केंद्र सरकार ने पुरस्कार भी दिया था।

अब उसी तर्ज पर डेयरी विकास का काम किया जाएगा तथा उप्र को देश में दुग्ध उत्पादन में भी नंबर वन बनाया जाएगा।

उनका कहना था, “डेयरी विकास के बाद जो दूध जनता को मिलेगा उसमें शुद्धता आएगी। आजकल के दौर में नकली दूध एक बड़ी समस्या है तथा यह बच्चों व लोगों के जीवन से खिलवाड़ है।”

पिछली सरकार की डेयरी विकास योजनाओं की समीक्षा की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि उस सरकार ने चहेतों को रेवड़ी बांटी थी। अखिलेश सरकार के दुग्ध उत्पादन के दावे को हवा हवाई बताते हुए उन्होंने कहा कि जनता ने उस पर मत दे दिया है।

चौधरी ने कहा, “अवैध कटान से दुधारू पशुओं की संख्या में कमी आई है। अब सरकार ने अवैध बूचड़खानों के खिलाफ कदम उठाए हैं, जिससे दुधारू जानवरों की संख्या फिर बढ़ेगी। इसके कई लाभ होंगे। दूध का उत्पादन बढ़ने के साथ ही गोबर की खाद की उपलब्धता भी बढ़ेगी, जिससे जमीन की उत्पादकता में वृद्धि होगी।”

उन्होंने कहा कि सहकारी दुग्ध समितियों को मजबूत करने के साथ ही दूध का उचित मूल्य दिलाने की भी व्यवस्था की जाएगी।

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