योगी के गढ़ में आखिरी चरण में भाजपा की होगी परीक्षा

एक साल पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छोड़ी सीट पर उपचुनाव में भाजपा को झटका देकर सूबे की सियासत में नए समीकरण गढ़ने वाली गोरखपुर लोकसभा सीट पर मतदाताओं का मिजाज बदला-बदला नजर आ रहा है। सहजनवां, कैंपियरगंज और पिपराइच विधानसभा क्षेत्र में भाजपा भारी नजर आ रही है।

भाजपा की होगी परीक्षा

इन क्षेत्रों में निषाद और दलित वोटों में बड़ा बिखराव है। कई जगह यादव भी बंट रहे हैं। गोरखपुर ग्रामीण और शहर विधानसभा में गठबंधन व भाजपा में तगड़ी जोर आजमाइश है। उपचुनाव में भाजपा इस संसदीय सीट से जुड़ी पांच में से तीन विधानसभा सीटें कैंपियरगंज, गोरखपुर ग्रामीण और सहजनवां हार गई थी। 243 वोटों से पिपराइच बमुश्किल बचा पाई थी। शहर में भी आम चुनाव की अपेक्षा लीड घटकर 24,577 वोटों की रह गई थी।

भाजपा और गठबंधन की लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने के लिए कांग्रेस संघर्ष करती नजर आ रही है। यहां के मतदाता मुखर हैं और अपने वोट की कसौटी खुलकर साझा कर रहे हैं। उन्होंने भाजपा को उपचुनाव में क्यों हराया? यह भी बता रहे हैं।

सहजनवां विधानसभा क्षेत्र के भगौरा चौराहे पर राम स्वरूप बताते हैं कि उपचुनाव से पहले खनन की मिट्टी व मोरंग तक नहीं मिल पा रही थी। डीएम से अनुमति मांगनी पड़ती थी। कोई सुनने को तैयार नहीं था। घर बनने बंद हो गए थे। नेता सत्ता के मद में बौरा गए थे।

इस पर सहमति जताते हुए डुमरी के देवेंद्र राज, भरुहिया के राजेश कुमार सिंह व सत्तन ने कहा कि उपचुनाव में हारते ही मिट्टी निकालने पर परमीशन की जरूरत खत्म हो गई। पुलिस पर भी थोड़ी लगाम बढ़ी। राम स्वरूप ने बताया कि मोदी व योगी सरकार आने के बाद सड़क बन रही है। गैस सिलिंडर मिले हैं। 20-24 घंटे बिजली मिल रही है। शौचालय और आवास बन रहे हैं। किसी किसान को 2000 तो किसी को 4000 रुपये मिले हैं।

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गोरखपुर ग्रामीण में जंगल चौरी में मिले एनके पासवान ने बताया कि लड़ाई राम भुआल व रवि किशन की है। लोगों में सरकार के प्रति बड़ी नाराजगी है। प्राइवेट स्कूल की मनमानी रुक नहीं रही है। इलाके में राम भुआल फिलहाल भारी लग रहे हैं। यहीं फुरसतपुर में लाल बहादुर ने कहा, उपचुनाव में लोग गफलत में थे। इस बार ऐसा नहीं है। रवि किशन का फ्री में सांसद बनना लिखा है, तो बन जाएगा।

जंगल माघी में राधेश्याम निषाद ने बताया कि भाजपा व गठबंधन की लड़ाई है। पिपराइच के सोनवे गोनरहा में ओम प्रकाश सिंह, इंद्रसेन पांडेय, प्रद्युम्न बीडीसी, श्यामदेव, राजेंद्र कुमार, फूलचंद्र व रामकेवल शर्मा कहते हैं, पढ़े लिखे लोग बूझ रहे हैं।

जिसे फायदा मिला है, देश की ताकत बढ़ती दिखी है, वह मोदी की बात कर रहा है। कुछ लोग लाभ पाने के बाद भी जाति के नाम पर समर्थन नहीं कर रहे। पिपराइच में मो. हुसैन मिले। वे पिपराइच व मोतीराम अड्डा के आसपास फेरी लगाते हैं। कहते हैं, यहां कई गांवों में मुस्लिम, दलित, यादव व निषाद सपा प्रत्याशी के साथ हैं। कैंपियरगंज में दिनेश निषाद व घनश्याम मौर्य कहते हैं कि प्रदेश सरकार से अभी भी लोग खुश नहीं हैं।

पुलिस बहुत परेशान करती है। हालांकि निषाद ही नहीं, यादव व दलित भी भाजपा की बात कर रहा है। गोरखपुर विवि के पंत पार्क के पास मिले ज्ञानेश यादव कहते हैं कि विश्वविद्यालय में आरक्षण, भर्तियों में लेटलतीफी और बेरोजगारी से युवा त्रस्त हैं। युवा भाजपा को इस बार फिर हराकर उसका अहंकार तोड़ेंगे। पिछले तीन साल में यहां जातिवाद को बढ़ावा दिया गया और भाजपा वाले चाहते हैं कि लोग जाति बंधन तोड़कर वोट करें, ऐसा होने वाला नहीं है। हालांकि विवि के प्रोफेसर अजय शुक्ल कहते हैं कि युवा मोदी की ओर देख रहा है।

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सीएम योगी गोरखपुर उपचुनाव की हार का बदला लेने के लिए मौजूदा सांसद प्रवीण निषाद को पार्टी में शामिल कराने से लेकर निषाद पार्टी का समर्थन लेने जैसे सभी संभव रणनीतिक दांव चल चुके हैं। इसके बावजूद वे किसी तरह का खतरा नहीं उठाना चाहते, इसलिए गोरखपुर में डेरा डाल दिया है। पूरी रणनीति खुद तैयार कराई है। सभी विधानसभा क्षेत्रों में बूथ सम्मेलन कर चुके हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का रोड शो 16 मई की शाम को होना है।

छुट्टा जानवर सबसे बड़ा मुद्दा
भेंटिया भींटी में श्याम सुंदर ने बताया कि छुट्टा जानवरों से फसल बचाने के लिए घेराबंदी करने व जाल लगवाने में बड़ा पैसा खर्च होने लगा है। इसके बाद भी जानवरों के झुंड पूरा जाल तोड़ देते हैं। सहजनवां, कैंपियरगंज, पिपराइच व गोरखपुर ग्रामीण तक लोग इस समस्या से परेशान नजर आए। कई जगह लोगों ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले यह समस्या खत्म नहीं हुई तो भाजपा के विधायक गांवों में घुस नहीं पाएंगे।

एम्स, फर्टिलाइजर, पिपराइच चीनी मिल की उपलब्धि गिना रहे लोग
गोरखपुर ग्रामीण के फुरसतपुर में राम बचन व अंजलि अपनी दुकान पर मिले। अंजलि ने बताया कि सालों से बंद पिपराइच चीनी मिल योगी के सीएम बनने के दो साल के अंदर चालू हो गई। चिड़ियाघर बन रहा है। एम्स की ओपीडी भी चलने लगी है। फर्टिलाइजर भी तेजी से बन रहा है। रोजगार बढ़ रहा है। इस बार लोग उपचुनाव वाली गलती नहीं करने जा रहे हैं। कहती हैं कि गठबंधन न होता तो कोई लड़ाई ही नहीं थी।

प्रत्याशी को लेकर सवाल इस बार भी

लोग बात कर रहे हैं कि न तो उपचुनाव में प्रत्याशी महाराजजी की पसंद का था और न ही इस आम चुनाव में पसंद का प्रत्याशी दिया गया। हालांकि गोरखपुर विवि छात्रसंघ के पूर्व महामंत्री नीरज शाही कहते हैं कि महाराजजी के निर्देश मिल गए हैं। उन्होंने 2014 से अधिक लीड से जीत का लक्ष्य दिया है।

योगी को घेरने की अखिलेश की पूरी कोशिश
गोरक्षपीठ की परंपरागत सीट मानी जाने वाली गोरखपुर लोकसभा सीट को 29 वर्ष बाद छीनने में सफल हुई सपा इस सीट पर कब्जा बरकरार रखने के लिए पूरी ताकत लगा रही है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती मंगलवार को संयुक्त रैली से ताकत दिखा चुके हैं। बड़ी संख्या में पार्टी नेता जिले में डेरा डाले हुए हैं।

रवि किशन – फिल्म स्टार हैं। पिछला चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जौनपुर से लड़े, लेकिन हार गए थे। भाजपा ने उपचुनाव की तरह फिर ब्राह्मण प्रत्याशी पर दांव लगाया है।
रामभुआल निषाद- मौजूदा सांसद प्रवीण के भाजपा में जाने के बाद सपा ने मौका दिया। पिछला चुनाव बसपा से लड़े और 1.76 लाख वोट पाए। पूर्व विधायक और मंत्री रहे हैं।
मधुसूदन तिवारी- सिविल बार एसोसिएशन गोरखपुर के पूर्व अध्यक्ष और यूपी बार काउंसिल के सदस्य हैं। पहली बार कांग्रेस से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं।

 

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