मुस्लिमों के लिए योगीराज बना रामराज, पल भर में ही भर दिया 32 साल पुराना जख्म, मौलाना हुए…

मुस्लिम जवानइलाहाबाद। यूपी में मुस्लिम पुलिसकर्मियों को सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने बड़ा तोहफा देने का मन बना लिया है। यूपी पुलिस के मुस्लिम जवान अब दाढ़ी रख अपनी ड्यूटी कर सकेंगे। योगीराज में इसकी शुरुआत होने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। हालांकि इसमें योगी सरकार कोई नया कानून नहीं ला रही है बस पुराना नियम ही लागू किया जा सकता है।

अंतिम फैसला पुलिस विभाग के अधिकारी पर ही छोड़ा गया है कि वो किस मुस्लिम वर्दीधारी को दाढ़ी रखने की इजाजत देता है और किसे नहीं देता? यानी कि दाढ़ी रखने की ये एक शर्त है कि दाढ़ी रखने के लिए अपने कप्तान की इजाजत लेनी होगी। ये पुलिस कप्तान की सोच पर निर्भर करेगा कि वो क्या निर्णय देते हैं।

दरअसल यूपी पुलिस के एक मुस्लिम सिपाही ने ड्यूटी पर दाढ़ी रखने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। सिपाही ने महकमे के क्लीन सेव के नियम को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई और दाढ़ी रखने की अनुमति मांगी गई। हाईकोर्ट ने सुनवाई शुरू हुई तो, सिपाही की ओर से धार्मिक मान्यताओं की दलील दी गई। साथ ही मुस्लिमों के लिए 1985 में जारी सर्कुलर का हवाला दिया गया। अदालत ने इस मामले को निस्तारित करते हुए जिले के पुलिस कप्‍तान को आदेश दिया कि वो दो महीने में निर्णय लें कि सिपाही को दाढ़ी रखनी है या नहीं।

दाढ़ी को लेकर उपजा य‍ह विवाद दरअसल यूपी के बिजनौर का है। बिजनौर पुलिस लाइन में तैनात सिपाही नईम अहमद ने दाढ़ी रखने के लिए अपने अधिकारी से इजाजत मांगी। लेकिन नईम को नियमावली बताते हुए ऑन ड्यूटी क्लीन सेव रहने की हिदायत दे दी। विवाद बढ़ा तो नईम ने बगावत कर दी। नईम ने दाढ़ी रखने की इजाजत के लिए यूपी पुलिस को अदालत में खीचा और हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी।

कोर्ट ने इस मामले में सीधे तो कोई आदेश नहीं दिया लेकिन अब एसपी चाहेंगे तो यूपी पुलिस का सिपाही ऑन ड्यूटी दाढ़ी में नजर आएगा। याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल ने करते हुए एसपी बिजनौर को आदेशित किया कि पुलिस लाइन में तैनात सिपाही नईम को दाढ़ी रखने की अनुमति देने के मामले में नियमानुसार दो महीने में निर्णय लें।

ये है 1985 का सर्कुलर…

दरअसल यूपी सरकार ने पुलिस डिपार्टमेंट के लिए एक नियमावली बना रखी है। उसी नियमावली में 10 अक्टूबर 1985 को सरकार ने एक और सर्कुलर ऐड किया। जिसके तहत सक्षम अधिकारी की अनुमति से मुस्लिम दाढ़ी रख सकते हैं। इस मामले में भी इसी सर्कुलर की दलील दी गई है।

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