यूपी के इस शहर में बसा है पीतल की मूर्तियों का जहां, ये नहीं देखा तो क्या देखा

 

उत्तर प्रदेश की ‘ब्रास सिटी’ में पैर रखते ही आपको पता चलेगा कि यह एक प्रसिद्ध सांस्कृतिक केंद्र है। मुरादाबाद की पीतल की वस्तुओं ने दुनिया भर में एक महत्वपूर्ण स्‍थान बनाया है और इस शहर के उत्‍पादों को दुनिया भर में पाया जाता है। इस समृद्ध शहर में हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्मों का संगम देखने को मिलता है और इसे देखकर पता चलता है कि भारत वाकई में एकविविध लोकतांत्रिक देश है।

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मुरादाबाद के आसपास कुछ चीजें बेहद सराहनीय हैं। यहां रामपुर में रज़ा लाइब्रेरी है जिसमें 30,000 से अधिक पुस्तकों के साथ इंडो-इस्लामिक विरासत का भंडार है। इस शहर में आपको संगीत, नृत्य, भोजन और वास्तुकला का भी आनंद उठाने को मिलेगा। शहर के धार्मिक पहलू के बारे में बात करें तो यहां साईं मंदिर और जामा मस्जिद सबसे ज्यादा चर्चा में रहते हैं। नजीबुदुल्लाह का किला वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है। पर्यटकों को प्रेम वंडरलैंड और जल किंगडम, विदुर कुटी, सीता मंदिर, कण्व आश्रम जैसे स्‍थान आकर्षित करते हैं। इनके अलावा यहां और भी आकर्षित स्‍थान हैं।

 

मुरादाबाद का इतिहास

मुरादाबाद नंदा, पांचला, मौर्य, मुगल, गुप्ता और मौखरी जैसे कई राजवंशों का हिस्सा रह चुका है। 1624 की बात करें तो संभल के गवर्नर रुस्तम खान ने इस क्षेत्र पर विजय प्राप्त की और इसे ‘रुस्तम नगर’ नाम दिया। यह 1700 के दशक में रोहिलखंड राज्य का एक प्रांत हुआ करता था। रोहिलखंड को अंग्रेजों ने बंदी बना लिया था जिसके बाद इसे दो जिलों: बरेली और मुरादाबाद में बांट दिया गया। पर्यटकों के लिए इस शहर में देखने लायक बहुत कुछ है। ऐसा कहा जाता है कि यह 1857 में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का एक हिस्सा रहा था। लेकिन हमारी यादों में याद रखने और संग्रहीत करने का एक हिस्सा यह है कि 1947 में भारत के आजाद होने के तुरंत बाद, मुरादाबाद उत्तर प्रदेश का हिस्सा बन गया। 1980 में पीतल उद्योग यहां पूर्ण रूप से विकसित हो चुका था और इसके बाद यहां एल्युमीनियम और लोहे के उद्योगों में भी वृद्धि देखी जाने लगी।

 

कैसे पहुंचे मुरादाबाद

हवाई मार्ग द्वारा : निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर और दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो मुरादाबाद से 85 किमी और 185 किमी की दूरी पर स्थित है।

सड़क मार्ग द्वारा : सड़कों और राजमार्गों की बात करें तो मुरादाबाद देश के बाकी हिस्सों से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग 24 है जो इसे नई दिल्ली के साथ-साथ लखनऊ से बरेली, गाजियाबाद और सीतापुर तक जोड़ता है।

रेल द्वारा: मुरादाबाद रेलवे स्टेशन एक व्यस्त रेलवे स्टेशन है। आपको नई दिल्ली, कोलकाता, अहमदाबाद, लखनऊ, चंडीगढ़, बैंगलोर, अमृतसर, जम्मू, हैदराबाद और चेन्नई से यहां के लिए ट्रेनें मिल जाएंगी।

मुरादाबाद आने का सही समय

कहा जाता है कि सर्दियों का मौसम यहां आने के लिए सबसे बढिया रहता है। नवंबर से फरवरी तक यहां का मौसम काफी सुहावना होता है और तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। हालांकि, यहां आने से पहले अपने साथ कुछ गर्म कपड़े भी रख लें क्‍योंकि ठंड के मौसम में यहां कभी भी पारा गिर सकता है।

sai temple

श्री साईं करुणा धाम मंदिर

साईं बाबा के भक्‍तों के लिए मुरादाबाद में एक बड़ा धार्मिक स्‍थल है। मुरादाबाद में श्री साईं करुणा धाम मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। इस पवित्र स्‍थान पर साईं बाबा की पूजा होती है। मान्‍यता है कि इस मंदिर में स्थित साईं बाबा की मूर्ति में जादुई उपचार शक्तियां हैं। साईं बाबा के रूप में यहां ‘सबका मालिक एक’ को माना जाता है।

रज़ा लाइब्रेरी

raza library

यह लाइब्रेरी मुरादाबाद मंडल के रामपुर जिले में स्थित भारत-इस्लामी संस्कृति के विरासत स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। 1774 और 1794 के बीच रामपुर का शासक नवाब फैजुल्लाह खान था और उसी ने रज़ा लाइब्रेरी बनवाई थी। कई ऐतिहासिक पांडुलिपियां और इस्लामी सुलेख के लघु नमूने यहां संरक्षित रखे गए हैं। वर्ष 1855 के एक उर्दू कवि नवाब यूसुफ अली खान नाजिम ने कवि मिर्जा गालिब की सहायता से इस पुस्तकालय को संभालने का फैसला किया। नवाब कल्बे अली खान ने पुस्तकालय में पांडुलिपियों का एक अनूठा संग्रह भी जोड़ा था। इसके बारे में आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यह कुरान की पवित्र पुस्तक से संबंधित है, जिसे उन्होंने अपनी हज यात्रा के दौरान अपने साथ ही रखा था।

प्रेम वंडरलैंड और प्रेम वॉटर किंगडम

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मुरादाबाद जिले के बाहरी इलाके में स्थित यह मुरादाबाद में मनोरंजन का सबसे बड़ा स्रोत है। गर्मी के मौसम में यहां वॉटर राइड्स का मज़ा ले सकते हैं। पार्क में फूड कोर्ट भी है जहां खूब स्‍वादिष्‍ट खाना मिलता है। सर्दियों में ये मनोरंजन पार्क सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक और गर्मियों में सुबह 10 बजे से रात 9 बजे तक खुलता है। केवल मनोरंजन पार्क के लिए प्रवेश शुल्क 200 रुपए है लेकिन अगर आप पार्क के साथ वॉटर किंगडम भी जाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको प्रति व्‍यक्‍ति 450 रुपए खर्च करने पड़ेंगे। यहां आप पानी की स्लाइड, स्प्रे ग्राउंड और स्प्लैश पैड का मज़ा ले सकते हैं। ग्रुप्‍स और कॉलेज स्‍टूडेंट्स के लिए प्रवेश शुल्‍क को लेकर कई बेहतरीन पैकेज भी उपलब्‍ध हैं।

विदुर कुटी

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मुरादाबाद जिले के आकर्षक दर्शनीय स्थलों की बात करें तो इसमें ‘विदुर कुटी’ का नाम भी शामिल है। इसे ‘विदुर का आश्रम’ भी कहा जाता है। महाभारत में दुर्योधन की मृत्‍यु के बाद विदुर ने अपना शेष जीवन यहीं बिताया था। विदुर ने महाभारत के दौरान कौरवों और पांडवों दोनों के बच्चों की सभी पत्नियों की सुरक्षा का बीड़ा उठाया था लेकिन विदुर को हर किसी के रहने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल पाई थी और इसलिए एक क्षेत्र महिलाओं और बच्चों के लिए बनाया गया था, जिसे अब दारानगर कहा जाता है।

नजीबुदुल्लाह किला

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यह किला 18 वीं शताब्दी में उभरा था और ‘गुलाम कादिर’ या ‘नजीबुदुल्लाह’ के नाम से अधिक प्रसिद्ध था। आज भी इस किले की दीवारें काफी मजबूत हैं और यह जानकर आपको आश्चर्य होगा कि यह किला ब्रिटिश काल के दौरान सुल्ताना डाकू का निवास स्थान हुआ करता था। अपने अगली ट्रिप के लिए आप उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद आ सकते हैं।

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