यूं ही नहीं गरजते शनिदेव सिर्फ गलती पर ही देते हैं सजा, शुभ और अशुभ संकेत के साथ

ज्योतिष के अनुसार शनि लोगों को उनके कर्मो के अनुसार फल देने वाले देवता माने जाते हैं। जब भी शनि किसी की कुंडली में अशुभ स्थिति में होते हैं तो व्यक्ति के जीवन में तमाम तरह परेशानियां आने लगती है वहीं शनि के शुभ स्थिति में होने से व्यक्ति रंक से राजा भी बन जाता है। आइए जानते हैं कि कुंडली में शनि के शुभ और अशुभ होने पर हमे किस तरह के संकेत मिलने लगते हैं।

शनिदेव

शनि के अशुभ होने की निशानियां

– अगर किसी व्यक्ति की चप्पल और जूते बार-बार टूटने लगे या फिर खो जाये तो समझिए उस जातक की कुंडली में शनि दोष है।

– शनि के अशुभ होने पर व्यक्ति का मकान गिरने लगता है या धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त हो जाता है।

– जब आपके ऊपर कर्जे का बोझ बढ़ने लगे तो समझे शनि भारी है।

– अचानक समय से पहले बाल, दांत और आंखें कमजोर हो जाए तो यह शनि के अशुभता की निशानी होती है।

– शनि दोष होने पर कई तरह की मानसिक बीमारियों का शिकार होना पड़ता है।

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शनि के शुभ होने की निशानी

– जब आपके थोड़े से प्रयास में ही सारे काम आसानी से होने लगे तो कुंडली में शनि की स्थिति शुभ होती है।

– कुंडली में शुभ होने पर व्यक्ति के बाल और नाखून मजबूत होने लगते है।

– जब व्यक्ति को अचानक धन की प्राप्ति होने लगे और समाज में मान-सम्मान मिलने लगे तो उसकी कुंडली में शनि मजबूत भाव में होते है।

शनिदोष से बचने के उपाय
– यदि आप पर शनि की ढैय्या या साढ़ेसाती चल रही है आप खुद को तमाम परेशानियों से घिरा पा रहे हैं तो शमी के वृक्ष की जड़ को काले कपड़े में पिरोकर शनिवार की शाम दाहिने हाथ में बांधे तथा ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम: मंत्र का तीन माला जप करें।

– शनि से जुड़े दोष दूर करने या फिर उनकी कृपा पाने के लिए शिव की उपासना एक सिद्ध उपाय है। नियमपूर्वक शिव सहस्त्रनाम या शिव के पंचाक्षरी मंत्र का पाठ करने से शनि के प्रकोप का भय जाता रहता है और सभी बाधाएं दूर होती हैं। इस उपाय से शनि द्वारा मिलने वाला नकारात्मक परिणाम समाप्त हो जाता है।

– कुंडली में शनि से जुड़े दोषों को दूर करने के लिए प्रतिदिन सुंदरकांड का पाठ करें और हनुमान जी के मंदिर में जाकर अपनी क्षमता के अनुसार कुछ मीठा प्रसाद चढ़ाएं।

– शनिदेव के प्रकोप को शांत करने के लिए यह मंत्र काफी प्रभावी है। शनिदेव को समर्पित इस मंत्र को श्रद्धा के साथ जपने से निश्चित रूप से आपको लाभ होगा।

सूर्य पुत्रो दीर्घ देहो विशालाक्ष: शिव प्रिय:।
मंदाचाराह प्रसन्नात्मा पीड़ां दहतु में शनि:।।

– शमी का वृक्ष घर में लगाएं और नियमित रूप से उसकी पूजा करें। इससे न सिर्फ आपके घर का वास्तुदोष दूर होगा बल्कि शनिदेव की कृपा भी बनी रहेगी।

– शनिवार के दिन शनि महाराज को नीले रंग का अपराजिता फूल चढ़ाएं और काले रंग की बाती और तिल के तेल से दीप जलाएं। साथ ही शनिवार के दिन महाराज दशरथ का लिखा शनि स्तोत्र पढ़ें।

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