वादा किया था मदरसों को एडवांस बनाने का लेकिन अभी तक किताबें भी नहीं पहुंची

रिपोर्ट:- अर्सलान समदी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद से मदरसों को लेकर तमाम सियासी पार्टियां मदरसों पर सियासत करती देखी जा रही हैं। मदरसों में चाहे राष्ट्रगान और झंडा फहराने की वीडियोग्राफी का फरमान हो या फिर मदरसे में ड्रेस कोड लागू करने की बात हो। जिसको लेकर ख़ूब सियासत हुई।

लेकिन मौजूदा हुकूमत ने इस बीच मदरसों को भी सबके साथ सबके विकास की नीति के तहत मॉडर्न करने की बात कही थी। जिसको लेकर मदरसों से जुड़े लोगों ने सरकार की तारीफ की थी। लेकिन बड़ी बात यह है के सरकार के तमाम दावे अभी तक अफ़सरो की लापरवाही के चलते ज़मीनी हक़ीकत से जुदा है।

बात करें अगर सरकार के दावे के मुताबिक़ मदरसों में एनसीआरटी किताबों की तो वो अभी तक मदरसों में पहुंची ही नही है। मदरसे जैसे जिन हालात में चल रहे थे आज भी वैसे ही चल रहे हैं। जो बुनियादी सुविधाएं पहले मौजूद थी वहीं आज भी है ना मदरसे में दूसरे सब्जेक्ट पढ़ाने वाले टीचर का बंदोबस्त है ना एनसीआरटी की किताबों का।

मदरसा प्रबंधक रिज़वान अहमद बताते हैं कि उनके यहाँ अब तक एनसीईआरटी किताबें नही पहुँची है और न ही उनकों बताया गया है इसके बारे में बस खबरों के माध्यम से उनको पता चलता है कि एनसीईआरटी पैटर्न पर मदरसे के बच्चें पढ़ेंगे।

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इस मसले में मदरसा स्टूडेंट भी कहीं न कहीं मायूस नज़र आते हैं। उनका कहना है जो मदरसों को लेकर सियासत और बयानबाजी होती है ज़मीनी हक़ीक़त से वो जरा भी मेल नही खाती उनका साफ कहना है मदरसों को लेकर जो योजना बनाई जाये उसके ज़मानीं हक़ीक़त भी जानी जाये न के सिर्फ सियासत की जाये।

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दूसरी ओर मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास कहते है कि सरकार की तरफ से मदरसों को लेकर अब तक तमाम वादे किए गए थे। लेकिन ज़मीनी हकीकत पर वो वादे कहीं उतरते नज़र नही आ रहे हैं। मदरसों को एडवांस बनाने की बात कही गयी थी मदरसों में एनसीईआरटी किताबो के तहत बच्चों को शिक्षा देने की बात कही गयी थी लेकिन अबतक ऐसा कुछ भी देखने को नही मिला है।

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