यहाँ छिपा है अनमोल ‘पारस पत्थर’, लेकिन पाने के लिए दांव पर लगानी होगी जान…

ये तो आप जानते ही हैं कि पारस पत्थर से सोना बन जाता है। ऐसी पुरानी मान्यता है लेकिन ये पारस पत्थर कैसा होता है और कैसे सोना बनता होगा, ये शायद आपको मालूम नहीं होगा।

आप ये भी नहीं जानते होंगे कि अब भी कहीं पारस पत्थर है। तो हम आपको बताते हैं। ये जगह मध्यप्रदेश में है और भोपाल के नजदीक ही है।

यहाँ छिपा है अनमोल 'पारस पत्थर'

भोपाल के पास रायसेन जिला है और यहीं पर है एक किला। ये जगह भोपाल से करीब 50 किलोमीटर दूर है। इस किले को लेकर कई रहस्य हैं।

कहा जाता है कि किले में पारस पत्थर है और इसकी रखवाली कोई मनुष्य नहीं बल्कि जिन्न करते हैं। ये किला काफी पुराना है और पहाड़ी के ऊपर स्थित है।

किला बलुआ पत्थर का बना है और सैकड़ों साल के बाद भी मजबूती से खड़ा हुआ है। कहा जाता है कि यहां के राजा के पास पारस पत्थर था और इसी पत्थर को लेकर कई युद्ध लड़े गए।

आखिरकार राजा हार गया लेकिन उसने अंत तक पारस पत्थर किसी को नहीं दिया। हार होते देख उसने पत्थर तालाब में फेंक दिया और तभी से पारस पत्थर किसी को नहीं मिला।

राजा राजसेन के साथ ही ये पत्थर भी गुम हो गया लेकिन लोग का ऐसा मानना है कि एक जिन्न आज भी इस पत्थर की रक्षा कर रहा है और तमाम लोग आज भी इस पत्थर की खोज कर रहे हैं लेकिन जिन्न उनकी कोशिश नाकामयाब कर देता है।

कोई आता है तो जिन्न के प्रकोप से दिमागी संतुलन खो बैठता है। यहां तक कि लोग तांत्रिकों की मदद भी लेते हैं लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल पाई। इसमें कितनी सच्चाई है इसकी पुष्टि तो कोई नहीं करता है लेकिन रायसेन के लोग इसकी कहानियां सुनाते हैं और आज भी किले को लेकर रहस्य बरकरार हैं।

प्रशासन इस बारे में कोई जानकारी नहीं रखता।

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