मौलाना अरशद बोले- उम्मीद है अयोध्या का फैसला कानून पर आधारित होगा आस्था पर नहीं…

अयोध्या में राम मंदिर बनने के लिए कोर्ट बहुत जल्द अपना फैसला ले सकता है। इस पर रोजाना सुनवाई के लिए कमेटी भी गठित की गई है जिसे देखते हुए जमीयत प्रमुख मौलाना अरशद मदनी इस बोलते  हुए कहा कि, ‘‘हमें अफसोस है कि मध्यस्थता के जरिए इस मामले में सुलह नहीं हो सकी।’’

उन्होंने  कहा, ‘‘अब हमारा यह कहना है कि आगे इस मामले पर सुनवाई में आस्था के आधार पर नहीं, बल्कि कानूनी नजरिए के आधार पर निर्णय होना चाहिए।’’

साप जाहिर है कि राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील अयोध्या के रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद का सर्वमान्य समाधान मध्यस्थता के माध्यम से खोजने में सफलता नहीं मिलने के तथ्य का संज्ञान लेते हुये उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि अब इस मामले में छह अगस्त से रोजाना सुनवाई होगी।

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प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश एफएमआई कलीफुल्ला की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय मध्यस्थता समिति की रिपोर्ट का संज्ञान लिया कि इस विवाद का सर्वमान्य हल खोजने के उसके प्रयास विफल हो गये हैं।

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