टीवी की मशहूर एक्ट्रेस ‘जूही परमार’ ने दी मौत को मात, सोशल मीडिया के ज़रिए अपनी भावनाओं को शेयर करते हुए लिखती हैं…

मौत के मुंह से बचकर वापस आने वाली टीवी की मशहूर एक्ट्रेस जूही परमार ने सोशल मीडिया के ज़रिए उस समय की अपनी भावनाओं को शेयर करते हुए लिखा है कि वह वक्त बहुत ही डरावना था। उनका कहना है कि ऐसे समय में मैंने सबको माफ कर दिया। उस समय जूही अपनी दोस्त के घर पर थीं और उनकी दोस्त ही उन्हें अस्पताल तक लेकर गयी थी।

जूही परमार और सचिन श्रॉफ ने 2009 में शादी की थी। शादी के दो साल बाद ही दोनों के रिश्ते बिगड़ने लगे थे। जूही ने पति से 2018 में तलाक लिया। दोनों ने आपसी सहमति से तलाक की अर्जी दी थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक जूही ने पति सचिन से कोई एलुमनी नहीं मांगी है। बेटी समायरा की कस्टडी जूही को मिली है, हालांकि सचिन उनसे मिलने आते रहते हैं।

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जूही ने अपनी पोस्ट में लिखा- ”21 मार्च यानी होली वाली रात को मेरी तबीयत अचानक खराब हो गई थी। मैं सांस नहीं ले पा रही थी। मुझे लगा था कि मेरा दम घुट रहा है और मैं पांच मिनट भी जिंदा नहीं रह पाऊंगी।

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मैंने अपनी दोस्त को कहा कि मेरी बेटी समायरा का ख्याल रखना। मैं उस वक्त फ्रेंड आश्का गोराडिया के घर पर थी और वो ही मुझे अस्पताल लेकर गई थीं। इस दौरान मुझे मेरी पूरी लाइफ आंखों के सामने दिखने लगी। उस पल मुझे लगा कि सब मुझसे दूर जा रहे हैं। मुझे लगा मेरी आत्मा जा रही है लेकिन मैं ऐसा नहीं चाहती थी क्योंकि मैं अपनी बेटी के साथ रहना चाहती थी। मैंने उस वक्त भगवान से बात की। मैंने उनसे माफी मांगी और कहा कि प्लीज मुझे मेरी बेटी के लिए जीने दो।”

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जूही ने आगे लिखा- ”सब सोचते हैं कि मैं बहुत स्ट्रॉन्ग लेडी हूं लेकिन स्ट्रॉन्ग महिला के पास भी दिल होता है। मुझे भी बुरा लगता है, मुझे भी दर्द होता है। लेकिन उस पल मुझे न अपने तलाक का ख्याल आया और न ही सिंगल पेरेंट होने के बारे में मैंने सोचा, मैंने सिर्फ और सिर्फ अपनी बेटी के बारे में सोचा”।

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‘मैंने हर उस शख्स को माफ कर दिया जिसने मेरे साथ गलत किया, मैं ऐसे वक्त में किसी से भी दुश्मनी नहीं रखना चाहती थी। कोई निगेटिव फीलिंग्स नहीं चाहती थी। हमारी सबसे बड़ी खुशी है कि हम सांस ले रहे हैं, जिस पल हम सांस लेना बंद कर देते हैं उस पल सब खत्म हो जाता है। ऐसे ही वक्त मुझे सांस लेने का असली मतलब समझ में आया। मैं उन लोगों की हमेशा शुक्रगुजार रहूंगी, जिनकी वजह से मैं अगली सुबह देख पाई।”

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