मोहर्ऱम की अनोखी परम्परा! देखें कैसे मनाया जाता है ये त्यौहार

REPORT – UMA MISRA

मऊः मऊ जिले में मोहर्रम की एक अऩोखी परम्परा कई वर्षों से चली आ रही है। इसी परम्परा के मद्देनजर मोहर्रम पर्व को सकुशल सम्पन्ना कराने के लिए डीआईजी आजमगढ मनोज तिवारी ने नगर क्षेत्र का रुट मार्च किया। साथ ही ड्रोन कैमरे के माध्यम से संवेदनशील स्थलों में स्थित घरों का जायजा लिया।

बताते चले कि नगर के संस्कृत पाठशाला स्थित तीन सीढियों पर ताजिया चढने की पूरानी परम्परा है। इस परम्परा के तहत जब ताजिया सस्कृत पाठशाला के पास पहुचती है तो उसे पाठशाला की तीन सीढियों पर चढा कर उतारा जाता है।

इसी वजह से यह स्थान काफी संवेदनशील हैं। यहां पर भारी संख्या में पुलिस बल, पीएससी और आरएएफ के जवानों की निगरानी में ताजियों को सीढियों पर चढा कर उतारा जाता है। वही दूसरे समुदाय के लोगों की भी निगाहे इसी पर बनी रहती है। अगर गलती से भी चार बार हो गया तो मामला बिगङने की स्थिती में आ जाता है। अगर दो बार ही सीढिया चढी जाती है, तो भी मामला खराब हो सकता है।

इसलिए प्रशासन पुरी मुश्तैदी के साथ इस परम्परा को सफल करने का हर वर्ष प्रय़ास करता है। मोहर्रम पर्व का जायजा लेने के लिए पहुचे डीआईजी मनोज तिवारी ने बताया कि हम लोगों द्वारा रुट मार्च निकाल कर लोगों से मोहर्रम का पर्व शान्ति पूर्वक मनाने का अपील किया गया।

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इसके अलावा ड्रोन कैमरे से छतों का जायजा लिया गया। जिन छतों पर ईट पत्थर आदि मिले है, उनसे हटवाने के आदेश दिये गये है। साथ ही शान्ति पूर्वक मिल जुल कर मोहर्रम का जुलूस निकालने की अपील किया गया है।

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