
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पुलवामा हमले के बाद से ही अपने देश के भीतर और देश की सीमाओं की सुरक्षा बढ़ा दी है और साथ ही जवानों को अलर्ट रहने के साथ फ्री हैंड कर दिया गया है। हालांकि इतने पर भी देश का गुस्सा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। वह सरकार से पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग पर अड़ा हुआ है।
हालांकि सरकार भी एक के बाद एक सख्त एक्शन ले रही है। पहले जहां आर्मी को फ्री हैंड कर दिया गया है। वहीं अब दूसरी ओर असम राइफल्स के जवानों को भी बड़ा अधिकार दिया है।
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दरअसल केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर के राज्यों की सुरक्षा बढ़ाने के लिहाज से असम राइफल्स के जवानों को बिना वारंट के ही तलाशी लेने और गिरफ्तारी करने का अधिकार दे दिया है।
जिसके लिहाज से अब असम राइफल्स के जवान किसी भी संदिग्ध इंसान को संदेह के आधार पर गिरफ्तार कर सकते हैं। यहां के जवानों को दिया गया यह अधिकार अफस्पा से ही मिलता जुलता है।
जिसमें असम राइफल्स के जवानों को गिरफ्तारी और पूछताछ या तलाशी के लिए किसी भी तरह के वारंट या परमिशन की जरूरत नहीं होगी।
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गृह मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक असम राइफल्स के निचले दर्जे के अधिकारी को भी सीआरपीसी के तहत ये अधिकार दिए गए हैं। जिसमें सीआरपीसी की उपधारा(1) की धारा 41, 47, 48, 49, 51, 53, 54, 149, 150, 151 और 152 के तहत स्थानीय दायरे में सीमावर्ती राज्यों के जिले में इन शक्तियों का इस्तेमाल करना और अपराध को रोकना है।
बताते चलें कि धारा 41 के अनुसार कोई भी पुलिस अधिकारी बिना मजिस्ट्रेट के आदेश या वारंट के किसी को भी गिरफ्तार कर सकता है। वहीं इसी की धारा 47 में तलाशी और गिरफ्तारी दोनों का अधिकार मिलता है।