मोदी सरकार का ये पैतरा बदल देगा चुनाव का पूरा गणित, आम चुनावों फिर से परचम…

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव की आहट आते ही सभी रजनीतिक दलों में गहमागहमी का माहौल देखने को मिल रहा है। तीन राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सत्ता गंवाने के बाद बीजेपी इन चुनावों के लिए जनता का मिजाज भांपने की कोशिशों में लगी हुई है।

लोकसभा चुनाव

ऐसे में पिछले काफी समय से नाराज किसानों को अपनी तरफ करने के लिए मोदी सरकार मेगा पैकेज के रुप बड़ा दांव खेल सकती है।

माना जा रहा है कि किसानों की नाराजगी दूर कर बीजेपी 2019 के लोकसभा चुनावों में 2014 की ही तरह एक बार फिर से बुलंदी के साथ अपना परचम लहराना चाहती है।

तीन राज्यों में सत्ता गंवाने के बाद इस बात के अनुमान लगाए जा रहे हैं कि मोदी सरकार अब पहले से ज्यादा सचेत हो गई है और सीधे आम जनता को फायदा पहुंचाने वाली योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने की तैयारी में है।

इसी के तहत सरकार द्वारा आर्थिक आधार पर पहले ही सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जा चुका है। तीन राज्यों में बीजेपी की हार के पीछे दो ही प्रमुख कारण माने जा रहे थे।

इनमें पहला कारण सवर्णों की नाराजगी का तो दूसरा किसानों की नाराजगी का बड़ा कारण माना जा रहा है। ऐसे में मोदी सरकार ने आम जनता का मिजाज भांपते हुए सवर्णों के लिए तो पहले ही आर्थिक आधार पर आरक्षण की घोषणा कर दी है। इसके बाद वह किसानों के लिए मेगा पैकेज लाने की तैयारी में है।

जानिए आखिर क्या है मोदी सरकार का मेगा पैकेज

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, नीति आयोग ने बीते दिनों सिफारिश की थी कि किसानों को वार्षिक 15 हजार रुपए दिए जाएं। जो सीधा उनके खाते में जाएं।

यानी कि दो फसल सीजन। इसी सिफारिश के मद्देनजर सरकार सीजन से पहले ही 15 हजार का 50 प्रतिशत मतलब 7500 रुपए का लाभ चुनाव से पहले देने की तैयारी में है। हालांकि यह लाभ देने के लिए करीब 50 हजार करोड़ बोझ सरकार पर पड़ेगा। बता दें कि, कुछ दिनों पहले ही झारखंड की भाजपा सरकार ने यह स्कीम लागू की है।

एनबीटी की खबर के अनुसार, आने वाले आम बजट में सरकार किसानों के लिए मेगा पैकेज ला सकती है। जिसके तहत हर किसान के खाते में 7500 रुपए डाले जाएंगे। सरकार पूरी कोशिश में है कि किसानों को यह लाभ चुनाव से पहले दिया जाए।

जिन किसानों को इस योजना का फायदा देना है, उनकी सूची भी तैयार कर ली गई है। सरकार ने लाभान्वित होने वाले किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड को आधार बनाया है। यह कार्ड देश में करीब 3 करोड़ किेसानों के पास है। हालांकि इतनी बड़ी संख्या में सभी किसानों को पैसा नहीं दिया जाएगा।

सरकार की इस सुविधा का लाभ इनकम टैक्स भरने वाले किसान नहीं उठा पाएंगे। साथ ही संभावना जताई जा रही है कि इस योजना को जमीन पर लाने से पहले ही इनके नियमों में कुछ और भी बदलाव हो सकते हैं।

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हालांकि सरकार ने पहले जमीन के आधार पर किसानों को लाभ देने का विचार बनाया था। लेकिन इस विचार पर सबकी रजामंदी नहीं मिल पाई। इसमें सबसे बड़ा पेंच यह था कि अगर सरकार जमीन के आधार पर लाभ देगी तो वह किसान लाभ नहीं ले पाएगा, जिसके पास जमीन है ही नहीं।

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