मोदी राज के कारण चीन से और पीछे हुआ भारत , रिसर्च में हुआ खुलासा…

नई दिल्ली : पीएम नरेंद्र मोदी के पांच साल के कार्यकाल में भारत कई मामलों में चीन से पीछे हो गया है।  चीन की सरकारी मीडिया में यह दावा किया जा रहा है. भारत में लोकसभा के चुनाव हो रहे हैं, ऐसे में चीनी मीडिया में इस तरह की रिपोर्ट आना दिलचस्प है।

मोदी

बता दें की यह सच भी है कि अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर चीन और भारत के बीच खाई काफी बढ़ी है। जहां  साल 2018 में चीनी अर्थव्यवस्था का आकार 13.6 लाख करोड़ डॉलर का था, जबकि भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 2.8 लाख करोड़ डॉलर का था।

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वहीं भारत यदि इस खाई को पाटना चाहता है तो उसकी सालाना आर्थ‍िक वृद्धि दर चीन से कई गुना होनी चाहिए. लेकिन चीन की तेज बढ़त दर को देखते हुए ऐसा लगता नहीं कि भारत यह हासिल कर पाएगा।

गौरतलब है कि साल 2014 में चीनी अर्थव्यवस्था का आकार 10.38 लाख करोड़ डॉलर का था, जबकि भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 2.04 लाख करोड़ डॉलर का था। यानी 2014 में दोनों देशों की अर्थव्यवस्था के आकार में करीब 8.34 लाख करोड़ का अंतर था जो 2018 में बढ़कर 10.8 लाख करोड़ डॉलर का हो गया हैं।

लेकिन यहां त‍क कि रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भी इन आंकड़ों पर संदेह जताया है। वहीं यानी अगर मूल सांख्यिकीय तरीकों को अपनाया जाए तो मोदी सरकार के दौरान जीडीपी में ग्रोथ लगभग उतना ही रहा है, जितना कि पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह सरकार में था।

दरअसल मैन्युफैक्चरिंग के मामले में भी दोनों देशों के बीच खाई बढ़ रही है. पिछले पांच साल में भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में कुछ खास प्रगति नहीं हुई है. मोदी सरकार के राज में अर्थव्यवस्था बिना रोजगार के बढ़ रही है। वहीं  मोदी ने हर साल एक करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन सच तो यह है कि बेरोजगारी की दर काफी ऊंची है।

 भारत सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार साल 2014 से अब तक सिर्फ 2017 को छोड़कर हर साल भारत जीडीपी ग्रोथ के मामले में चीन से आगे रहा है. साल 2018 में भारत ने अर्थव्यवस्था के मामले में फ्रांस को पीछे छोड़ते हुए दुनिया भर में छठे स्थान पर पहुंच गया।  भारत ने कई उपलब्ध‍ियां हासिल की हैं, लेकिन जानकारों का मानना है कि चीन से आगे बढ़ना अभी भारत के लिए बहुत मुश्किल है।

 

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