जानिए क्या है मैमोग्राफी और कैसे होती है ये, जानें पूरी प्रक्रिया

मैमोग्राफी आधुनिक तकनीक का एक ऐसा हिस्सा है जो महिलाओं के स्तनों की जांच कर उन्हें ब्रेस्ट कैंसर के बारे में अवगत कराता है। पहले के समय में महिलाओं की जान इसलिए भी मुश्किल में पड़ती थी क्योंकि उस समय ऐसी कोई सुविधा नहीं है। लेकिन आज के समय में ब्रेस्ट कैंसर का वक्त रहते पता लगाने में मैमोग्राफी वाकई एक अच्छा विकल्प है।

जानिए क्या है मैमोग्राफी और कैसे होती है ये, जानें पूरी प्रक्रिया

मैमोग्राफी को किसी अस्पताल के एक्स रे विभाग द्धारा किया जाता है। डॉक्टर्स कहते हैं कि हर दो साल में महिलाओं को मैमोग्राफी करवानी चाहिए।

आज हम आपको बताएंगे कि मैगोग्राफी किसे कहते हैं, मैगोग्राफी कराने की जरूरत किन महिलाओं को अधिक होती है और मैगोग्राफी कराने की प्रक्रिया क्या है। तो आइए जानते हैं—

कैसे होती है मैमोग्राफी

यदि आपने पहले भी स्तन प्रत्यारोपण करवाया है तो मैमोग्राफी से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी दीजिए। हो सकता है ब्रेस्‍ट ट्रांसप्‍लांट के बाद मैमोग्राफी अलग तरीके अपनाये जाएं।

आपको कमर के ऊपर के वस्त्र खोलने को कहा जाएगा और अतस्पताल का गाऊन पहनने को दिया जाएगा। टेस्ट के दिन यदि दो टुकड़ों के वस्त्र धारण करेंगे तो आपको ऊपर के वस्त्र खोलने में आसानी होगी।

मैमोग्राफी कराने जाते वक्‍त गहने और अन्‍य आभूषण बिलकुल नह पहने, नही तो चिकित्‍सक इसे निकालने के लिए बोल सकते हैं।

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अपने दोनों ब्रेस्‍ट का एक्‍स-रे अलग-अलग होगा और इस प्रक्रिया के दौरान आपको कुछ सेकंड के लिए सांस रोकने को कहा जायेगा। आपके स्तन संक्षिप्‍त और संकुचित करने के लिए दो प्लास्टिक की प्लेटों के बीच रखे जायेंगे।

स्तन को दबाने से स्तन के टिशू फैलते हैं और स्तन का मोटे क्षेत्रों का एक स्पष्ट छवि प्रदान करता है। आपके स्तनों के आकार और संवेदनशीलता पर निर्भर करता है कि वे कैसे हैं, मैमोग्राफी के इस भाग के दौरान आपको कुछ हलकी असुविधा महसूस होगी। लेकिन दर्द नहीं होता है। सभी एक्स–रे पूरे होने के बाद आप फिर से तैयार हो सकते हैं।

इन महिलाओं को होती है मैमोग्राफी की ज्यादा जरूरत

जरूरी नही कि मैमोग्राफी सिर्फ उन्हीं महलाओं को करानी चाहिए जो ब्रेस्‍ट कैंसर से जूझ रही हैं या फिर जिनको ब्रेस्‍ट कैंसर होने की आशंका है।

यह सामान्य भौतिक जांच का एक हिस्सा होता है या किसी प्रकार की स्तन की असामान्यता की जांच मैमोग्राम द्वारा हो जाती है।

अगर स्‍तनों में कोई समस्‍या जैसे- गांठ या सूजन है, तो चिकित्‍सक मैमोग्राफी करके निश्चित कर लेते हैं कि यह किस प्रकार की समस्‍या है।

भौतिक परीक्षा में अत्यंत छोटी गठान प्रतीत नहीं हो सकती जबकि मैमोग्राम द्वारा इसका पता लगाया जा सकता है।

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मैमोग्राफी प्रक्रिया से पहले

  • मैमोग्राफी के जरिए ब्रेस्‍ट कैंसर का निदान होता है। एक्स-रे की तरह होता है जिसका प्रयोग ब्रेस्‍ट कैंसर के निदान के लिए किया जाता है।
  • यह ब्रेस्‍ट के ऊतकों के इमेज को दिखाता है। इसके जरिए स्तन कैंसर की पहचान आसानी से हो सकती हैं।
  • जिस दिन मैमोग्राम होता है उस दिन  पाउडर, लोशन, इत्र और क्रीम अपने ब्रेस्‍ट पर लगाने से बचें।
  • क्‍योंकि इन उत्‍पादों में पाये जाने वाले केमिकल मैमोग्राफी की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं।
  • मैमोग्राफी के दौरान कुछ महिलाओं को बेचैनी हो सकती है। क्‍योंकि मैमोग्राम के दौरान कुछ समय के लिए सांसों को रोकने के लिए कहा जा सकता है।
  • मैमोग्राफी का शेड्यूल मासिक धर्म की अवधि के बाद ही रखें, क्‍यों‍कि पीरयिड्स के समय स्‍तनों में परिवर्तन हो सकता है।
  • यदि आपके ब्रेस्‍ट में टेंडरनेस है, तो आप अपने डॉक्टर से पूछ कर मैमोग्राम से एक घंटा पूर्व टाइलीनोल या एडविल ले सकते हैं।
  • मैमोग्राम होने दो दिन पहले तक कैफीन युक्त कुछ भी खाने-पीने से बचें। इससे स्तन की कोमलता को कम करने में मदद मिलती है।
  • चूंकि एक्‍स-रे के दौरान आपको कमर से ऊपर के सारे कपडे उतारने पड़ेंगे इसलिए दो हिस्‍सों वाली पोशाक पहनें, कोई आभूषण न पहनें।
  • यदि आपने अन्‍य टेस्‍ट करवाया है तो जांच की रिपोर्ट अवश्‍य साथ ले जाएं। रेडियोलोजिस्ट आपकी नवीनतम रिपोर्ट को देखकर मैमोग्राम करेगा।

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