भाजपा के मुस्लिम नेता की मांग, मुसलमानों की पिटाई पर चुप्पी तोड़ें पीएम

मुस्लिमों की पिटाईनई दिल्ली। मुसलमानों की भीड़ द्वारा हत्या करने के मामले पर नरेंद्र मोदी सरकार को अब अपने ही घेरने पर लगे हैं। भाजपा के ही एक बड़े मुस्लिम नेता ने कहा है कि पीएम मोदी दलितों हमला होने पर तो सामने आते हैं लेकिन मुस्लिमों की पिटाई पर चुप्पी ही नहीं तोड़ते।

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष अब्दुल रशीद अंसारी ने सोमवार (26 जून) को कहा है कि वो और उनकी पार्टी अल्पसंख्यक समुदाय पर हो रहे हमलों को लेकर चिंतित हैं। रशीद ने बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन के घर आयोजित ईद की दावत के मौके पर भाजपा की ‘नितियों’ पर हमला बोला।

अंसारी ने कहा कि वो अल्पसंख्यकों को ऐसा लगना चाहिए कि “सरकार उनकी चिंता करती है।” अंसारी ने कहा, “समुदाय को ऐसा माहौल दिया जाना चाहिए जिसमें वो सुरक्षित महसूस कर सकें और उन्हें लगे कि सरकार उनकी परवाह करती है।”

रशीद अंसारी का बयान ऐसे समय में आया है जब हरियाणा के बल्लभगढ़ में एक 15 वर्षीय युवक जुनैद खान की 22 जून को ट्रेन में हुए मामूली विवाद के बाद हत्या कर दी गई। जुनैद और उसके भाइयों को हमलावरों ने “बीफ खाने वाले” कहकर तंज कसा था। विरोध स्वरूप जुनैद के गांव के आसपास के मुसलमानों ने ईद की नमाज काली पट्टी बांधकर पढ़ी।

जुनैद के मारे जाने पर बीजेपी नेताओं की चुप्पी पर अंसारी ने कहा, “मैं न केवल मुसलमान के तौर पर बल्कि एक भारतीय नागरिक, एक राजनीतिक दल के सदस्य के रूप में इसे लेकर चिंतित हूं। मेरी पार्टी भी इस मामले को लेकर इतनी ही चिंतित है।” अंसारी भारतीय जनसंघ से जुड़े थे और चार साल पहले बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष बने थे।

अंसारी ने कहा, “कोई भी बीजेपी नेताओं और बीजेपी नेतृत्व वाली सरकार की नीयत पर सवाल नहीं उठा सकता।” अंसारी मानते हैं कि ट्रेन में भीड़ द्वारा की गई हत्या को “सरकार की विफलता” नहीं कहा जा सकता। अंसारी ने कहा, “कोई ये कह सकता है कि पुलिस और सुरक्षा बलों को ऐसी घटनाएं नहीं होनी देनी चाहिए। ऐसी घटनाओं को रोकने की उनकी क्षमता पर अंगुली उठाई जा सकती है। लेकिन तीन-चार पुलिसवाले या सुरक्षाबल सैकड़ों लोगों की भीड़ के आगे कुछ नहीं कर सकते। हां वो दूसरों को आगाह कर सकते थे।”

अंसारी कहते हैं कि गुजरात में गौरक्षकों द्वारा दलितों की पिटाई के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिया गया बयान ऐसे सभी घटनाओं के खिलाफ संदेश था। पिछले साल अगस्त में पीएम मोदी ने स्वघोषित गौरक्षकों को “असामाजिक तत्व” बताते हुए कहा था कि वो गौरक्षा के नाम पर अपनी “दुकान” चला रहे हैं।

अंसारी कहते हैं कि ये पीएम मोदी के दिल की बात थी क्योंकि दलित और अल्पसंख्यक लगातार शिकार होते रहे हैं। अंसारी कहते हैं, “व्यापक फलक पर देखें तो सभी वंचित लोग इसमें शामिल हैं।”

अंसारी कहते हैं कि पीएम मोदी हर घटना पर बयान नहीं जारी कर सकते। अंसारी के अनुसार इस साल अप्रैल में भुवनेश्वर में बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी प्रधानमंत्री ने “अल्पसंख्यकों की ख्याल रखने” के बारे में बोला था।

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