अब मौलाना नहीं चलेगा मोदी सरकार का फतवा, मुस्लिमों को जिंदगी भर रुलाएगा खून के आंसू

मुसलमानों को ट्रिपल तलाकनई दिल्ली। मोदी सरकार ने मुसलमानों को ट्रिपल तलाक पर नसीहत देते हुए कहा है कि उन्हें तीन तलाक पर किसी और से नहीं बल्कि हिंदुओं से सीख लेने की जरूरत है। केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने मुस्लिमों को तीन तलाक पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए और इसके लिए उन्हें हिंदुओं से सीख लेने की जरूरत है। नायडू ने मुसलमानों को हिंदुओं का उदाहरण देते हुए बताया कि जैसे हिंदू धर्म में बाल विवाह, दहेज प्रथा और सती प्रथा जैसी कुप्रथाओं के लिए कोई स्थान नहीं है वैसे ही इस्लाम धर्म में भी इन प्रथाओं को तत्काल प्रभाव से बंद कर देना चाहिए।

नायडू ने ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर कहा कि मुसलमानों को खुद इस मुद्दे पर आपसी सहमति से ही अंतिम निर्णय पर पहुंचना होगा। उन्होंने कहा कि जैसे हिंदू समाज इतना बदल चुका है वैसे ही मुस्लिमों को भी बदलाव लाना होगा। हिंदुओं ने बाल विवाह, दहेज, सती प्रथा को जड़ से खत्म कर दिया है। उसी तरह मुस्लिमों को भी ऐसी बुरी और मुस्लिम महिलाओं पर अत्याचार करने वाली प्रथाओं को बंद करना होगा। तभी समाज का भला हो सकता है।

हाई कोर्ट ने इस मुद्दे पर कहा था कि तुरंत तलाक का यह रूप सबसे घटिया और निर्दयी है। हांलाकि तीन तलाक की प्रथा को समाप्त करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है। जिसकी अगली सुनवाई 11 मई को होनी है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जेएस खेहर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि गर्मिर्यों की छुट्टियों के समय संविधान पीठ इस मामले में सुनवाई करेगी।

वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने उच्चतम न्यायालय में 27 मार्च को याचिका दाखिल कर कहा था कि हमारे धर्म में प्रचलित इन परंपराओं को कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती और न हीं उन पर विचार किया जा सकता है। बोर्ड ने इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय में दो तर्क दिए। बोर्ड ने कोर्ट से कहा है कि अगर तीन तलाक को अवैध करार दिया जाता है तो यह अल्लाह के आदेशों की अवमानना होगी। और ट्रिपल तलाक को संविधान की धारा 25 के अंतर्गत संरक्षण प्राप्त है।

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