लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सत्ता पर आसीन समाजवादी पार्टी में चल रहा घमासान अब खत्म हो गया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लगातार विरोध के बाद सपा की कार्यकारिणी बैठक में आज फैसला ले लिया गया कि मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का सपा के साथ विलय रद कर दिया गया है।
मुख्तार अंसारी पर अखिलेश का विरोध
इसके साथ ही कैबिनेट में बर्खास्त किए गए मंत्री बलराम यादव की वापसी भी हो गई। खबरें यह भी थीं कि कौमी एकता दल के विलय पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सपा सुप्रीमो को अपना इस्तीफा देने तक की धमकी दे दी थी। इसके बाद मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश को मनाया था और आज विलय को रद करने का फैसला भी सुना दिया।
आपको बता दें कि कौमी एकता दल का सपा में 21 जून को विलय हुआ था। इस विलय को लेकर बलराम यादव ने अहम भूमिका अदा की थी। इस बात से गुस्सा होकर ही सीएम अखिलेश ने बलराम को पार्टी से आउट कर दिया था। यही नहीं बीते दिनों खबरें यहां तक थी कि सीएम अखिलेश इस विलय को लेकर पार्टी आलाकमान से इतना ज्यादा नाराज थे कि उन्होंने सपा सुप्रीमो को अपने इस्तीफे तक की धमकी दे दी थी।
दरअसल अखिलेश यादव हमेशा से ही अपनी छवि को लेकर काफी सजग रहते हैं। इसलिए ही उन्होंने अपने घर में ही बगावत छेड़ दी। यूपी विधानसभा चुनाव 2012 के पहले भी ऐसे ही अखिलेश यादव ने बाहुबली डीपी यादव का रास्ता भी रोका था। इस मामले में डीपी यादव को आजम खां के साथ सपा आलाकमान का भी समर्थन प्राप्त था लेकिन अखिलेश के विरोध के बाद इन सबको तब भी झुकना पड़ा था।