मुकदमा दर्ज कराने को लेकर दर दर की ठोकरें खा रही दुष्कर्म पीड़िता, मूकदर्शक बना प्रशासन

रिपोर्ट:-अखिल श्रीवास्तव/रायबरेली
जहां एक ओर सूबे की सरकार महिला सशक्तिकरण के लाख दावे कर रही है पर उनके ही मातहत उनके दावों की पोल खोलने में कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे है दरअसल पूरा मामला रायबरेली के लालगंज थाना क्षेत्र का है. जहां बीते 4 महीनों पहले एक युवती के साथ बलात्कार हुआ था.

जिसको लेकर काफी जद्दोजहद के बाद कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया और गिरफ्तारी के आदेश भी दिए गए पर महीनों बीत जाने के बाद भी रायबरेली पुलिस  गिरफ्तारी ना करने पर आमादा हो चुकी है और पीड़ित परिवार एक बार फिर पुलिस अधीक्षक रायबरेली की चौखट पर सर पटकने को मजबूर है।

दुष्कर्म पीड़िता,

पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर न्याय की गुहार लेकर आई इस पीड़िता को गौर से देखिए यह रायबरेली जिले के लालगंज कोतवाली क्षेत्र की रहने वाली है। पीड़िता का आरोप है कि उसके साथ  25 अगस्त 2019 को गाँव के ही रहने वाले युवक शिवम ने बलात्कार किया था।

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पीड़िता का आरोप है कि घटना के बाद वह थाने गए पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज नही किया जिसके बाद वह न्यायलय की चौखट पर पहुँची जहा न्यायलय के आदेश पर 13 दिसम्बर 2019 को मुकदमा तो दर्ज कर लिया गया पर न तो अभी तक 164 का बयान पुलिस ने दर्ज करवाया बल्कि विवेचक दरोगा उल्टे मुकदमा वापस लेने का दबाव बना रहा है।

पीड़िता द्वारा लगाये गए गंभीर आरोपो के बारे में जब पुलिस के आलाधिकारियों से बात की गई तो कोई भी अधिकारी कैंमरे पर कुछ भी बोलने को तैयार नही हुआ। और तैयार हो भी क्यो जब आरोप उसी के विभाग के दरोगा के खिलाफ लग रहा हो। अब देखने वाली बात यह होगी कि पीड़िता को न्याय मिलता है या फिर न्याय के लिए वह दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर होगी

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