मायावती ने पार्टी की संगठनात्मक गतिविधियों की समीक्षा की, टिकट के दावेदारों पर की चर्चा

लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने दिल्ली से लौटने के बाद पार्टी की संगठनात्मक गतिविधियों की समीक्षा और टिकट के दावेदारों के संबंध में जोन इंचार्जों से चर्चा का काम शुरू कर दिया है।

मायावती
बसपा अध्यक्ष ने मंगलवार को क्षेत्रवार जोनल इंचार्जों, जिलाध्यक्षों व अन्य स्थानीय जिम्मेदार नेताओं के साथ संगठनात्मक कामकाज की समीक्षा शुरू की।

बसपा प्रदेश कार्यालय में मायावती ने करीब दो घंटे तक बस्ती, इलाहाबाद, गोरखपुर और मिर्जापुर मंडलों के जोन इंचार्जों से बूथ इकाइयों के गठन और सदस्यता अभियान की प्रगति की समीक्षा की।

बैठक में शामिल एक जोनल इंचार्ज ने बताया कि पार्टी मुखिया ने बूथ संगठन में मजबूत लोगों को जिम्मेदारी देने का निर्देश दिया है। सपा-बसपा गठबंधन को लेकर काडर के रुख और दावेदार प्रभारियों के बारे में फीडबैक भी लिया।
माना जा रहा है कि लोकसभा प्रभारियों के नाम के एलान के पहले जोनल इंचार्जों को विश्वास में लेने के लिए यह पहल की गई है। आने वाले दिनों में अन्य मंडलों के जोनल इंचार्जों के साथ बैठक के संकेत हैं।

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बसपा ने लोकसभा प्रभारियों का एलान शुरू कर दिया है। मोहनलालगंज और मेरठ सहित कई लोकसभा क्षेत्रों के प्रभारी घोषित किए जा चुके हैं। प्रभारी घोषित करने की जिम्मेदारी जोनल इंचार्जों की होगी।

बसपा के कई दूसरे दलों में तलाश रहे संभावना
दूसरे दलों से बसपा में आए कई नेता यहां संभावना खत्म होते देख दूसरे सियासी घर का दरवाजा खटखटा रहे हैं। पूर्व में बसपा से निष्कासित कई नेता फिर से एंट्री के लिए भी प्रयासरत हैं।
जानकार बताते हैं कि बसपा-सपा गठबंधन की वजह से दोनों दलों के कई प्रभावशाली नेताओं की चुनाव तैयारी वाली सीटें दूसरे के खाते में चली गई हैं। समझौते की वजह से ऐसे नेताओं की अपने दल के साथ सहयोगी दल में भी टिकट पाने की गुंजाइश नहीं है।

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सपा-बसपा में सीटों के पेंच सुलझाने का दबाव
गठबंधन के 11 दिन बीतने के बावजूद कौन-कौन सी सीट किसके खाते में जाएगी इसका एलान न हो पाने से खराब संदेश जा रहा है। यह चर्चा तेजी से बढ़ रही है कि करीब डेढ़ दर्जन सीटों को लेकर मामला उलझा हुआ है और बसपा ने दबाव बढ़ाने के लिए ही सीटों के नाम तय होने से पहले ही लोकसभा प्रभारियों का एलान शुरू कर दिया है।

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