मां-बेटा दोहरा हत्याकांड मामले में बेटी को मिली ये सजा

लखनऊ। राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास से कुछ दूरी पर रहने वाले रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक राजेश दत्त बाजपेई की पत्नी और बेटे की हत्या के मामले में आरोपी उनकी बेटी को जुवेनाइल कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने उसे पुलिस हिरासत में घर में रखने के आदेश दिए हैं। यहां महिला पुलिसकर्मी सिविल ड्रेस में रहकर लड़की की निगरानी में रहेंगी। घटना के संबंध में लड़की के पिता ने जुवेनाइल कोर्ट से यह अनुरोध किया था, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। पिता का तर्क था कि डिप्रेशन के समय बेटी को इमोशनल सपोर्ट की जरूरत है।

लखनऊ में 29 अगस्त की दोपहर में गौतम पल्ली इलाके में स्थित सरकारी आवास में रेल अफसर की 15 साल की बेटी ने अपनी मां और भाई की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया था जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। वह काफी दिनों से डिप्रेशन के दौर से गुजर रही है।

हजरतगंज के एसीपी राघवेंद्र सिंह ने कहा- ‘सुनवाई के दौरान पुलिस ने कोर्ट को बताया कि यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर कैटेगरी का केस है। इसलिए पुलिस को इस बात पर कोई आपत्ति नहीं है, यदि अदालत किशोरी के पिता के अनुरोध को मानवीय आधार पर स्वीकार करते हुए पुलिस हिरासत में उसके घर में रहने का आदेश देती है।’हालांकि, पुलिस ने आरोपी किशोरी को किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज के बाल मनोरोग विशेषज्ञ को भी दिखाया था। अधिकारियों ने विशेषज्ञों से किशोरी की मानसिक स्थिति को समझने के लिए सलाह ली थी। सूत्रों का कहना है कि चिकित्सकों ने भी अधिकारियों को यह मशविरा दिया था कि बच्ची को भावनात्मक सपोर्ट की जरूरत है।

नाबालिग लड़की के घर पर तैनात एक महिला पुलिस कर्मी ने कहा- लड़की अपने पिता के साथ रहने के दौरान कम्फर्टेबल महसूस करती है। हालांकि, पिता अपनी बेटी को इस घटना के लिए जिम्मेदार नहीं मानते। वह इसके पीछे डिप्रेशन बताते हैं। किशोरी पिता के साथ रहकर अपने लिए पियानो बजाने के लिए भी कहती है।

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