सभी राजनीतिक दल करें महिला आरक्षण विधेयक का समर्थन

महिलाओं को आरक्षणअमरावती। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने रविवार को यहां सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि उन्हें विधायी निकायों में महिलाओं को आरक्षण प्रदान करने वाले विधेयक का समर्थन करना चाहिए। महाजन यहां आयोजित पहली राष्ट्रीय महिला संसद के समापन सत्र को संबोधित कर रही थीं।

महाजन ने कहा कि महिलाओं को सम्मानजनक तरीके से आरक्षण देना समय की मांग है।

इसके पहले महिला संसद से अलग महाजन ने संवाददाताओं से बातचीत में सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मुहैया कराने को लक्षित उस विधेयक का समर्थन करें, जो लंबे समय से लंबित पड़ा हुआ है।

यह विधेयक राज्यसभा में 2010 में पारित हो चुका है, लेकिन 15वीं लोकसभा के भंग होने के बाद यह बेकार हो गया।

महाजन ने कहा कि उदीयमान भारत को बनाने के लिए महिलाओं का सशक्तीकरण आवश्यक है और उन्होंने महिला संसद से आग्रह किया कि महिलाओं के सशक्तीकरण में मदद के लिए तथा राष्ट्रीय विकास के लिए महिलाओं के सामने मौजूद समस्याओं के समाधान हेतु अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान करें।

उन्होंने कहा कि आरक्षण के लिए लड़ना पुरुषों के खिलाफ लड़ना नहीं है, बल्कि यह बुनियादी मानव, नागरिक और राजनीतिक अधिकारों पर जोर देना है। उन्होंने कहा, “महिलाओं के सशक्तीकरण का वास्तविक अर्थ महिलाओं की मानवीय मर्यादा, जीवन चुनने की आजादी और सहभागितापूर्ण संसदीय लोकतंत्र में नीति नियामक प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी के लिए महिलाओं का सम्मान देना है।”

महाजन ने सम्मेलन में कहा कि संसद महिला सशक्तीकरण की दिशा में नीति तैयार करने और कार्यक्रम लागू करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।

उन्होंने महिला सशक्तीकरण के तरीकों और उपायों पर चर्चा के लिए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता में संसदीय समूह गठित करने का विचार रखा।

नायडू ने कहा कि राज्य सरकार ने जल्द ही थल्लिकी वंदनम (माताओं का अभिवादन) नामक एक कार्यक्रम शुरू करने का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने भरोसा जताया कि महाजन के नेतृत्व में महिला आरक्षण विधेयक संसद में पारित हो जाएगा।

उन्होंने अमरावती घोषणा-पत्र भी जारी किया, जो महिलाओं को समान अवसर मुहैया कराने और राष्ट्र के सामाजिक आर्थिक विकास में उनकी भागीदारी सुनिश्चित कराने के लिए समुचित कार्रवाई हेतु सभी राज्य सरकारों को वितरित किया जाएगा।

आंध्र प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कोडेला शिवप्रसाद राव ने कहा कि 22,000 युवा महिलाओं ने इस आयोजन में हिस्सा लिया और महिला सशक्तीकरण के लिए सामाजिक-आर्थिक राजनीतिक चुनौतियों पर चर्चा की।

इस आयोजन में 405 से अधिक महिला विधायक और 92 महिला सांसद, केंद्र व राज्यों के मंत्रियों ने हिस्सा लिया।

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