
लखनऊ । महिलाओं की सुरक्षा और उनके सम्मान पर उठे सवालों से घिरी उत्तर प्रदेश सरकार के बीच सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) का कहना है कि विपक्ष महिलाओं की अस्मिता को ताक पर रखकर राजनीति कर रहा है। सपा का दावा है कि सूबे की अखिलेश सरकार में समाजवादी सिद्धांत के आधार पर महिलाओं को विशेष अवसर दिए जाने की व्यवस्था की गई है। उन्हें सम्मान के साथ आगे बढ़ने के समान अवसर दिए जा रहे हैं।
महिलाओं के प्रति विपक्षी नेताओं की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है
सपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बातचीत में कहा कि विपक्षी दलों को राजनीति की अंधी दौड़ में कुछ नहीं दिख रहा है।
विपक्षी नेताओं की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है कि महिलाओं की अस्मिता को ताक पर रखकर राजनीति करने का मयार्दाहीन एवं अनैतिक आचरण करने में भी उन्हें कोई संकोच नहीं है।
उन्होंने कहा, “महिलाएं और बच्चे हमारी सामाजिक-पारिवारिक व्यवस्था और खुशहाली का आधार है। महिलाओं और बच्चों की विशेष देखभाल और उनका संरक्षण शासन का सामाजिक और नैतिक दायित्व है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस दिशा में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।
यही कारण है कि महिलाओं की सुरक्षा की दिशा में उत्तर प्रदेश ने जो कदम उठाए हैं, उनका अनुसरण अब दूसरे राज्य भी करने को बाध्य हो रहे हैं।”
चौधरी ने कहा कि ‘हौसला योजना’ महिला हेल्पलाइन, महिला थाना, कानूनी सहायता, कौशल सुधार अल्पावास, पीड़ित के उपचार के लिए चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराने समेत अखिलेश सरकार के तमाम उदाहरण हैं।
उन्होंने कहा कि विपक्ष महिलाओं के मुद्दे पर अपनी गंदी राजनीति करने से बाज नहीं आ रहा है।
लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विकास में विश्वास करते हैं, वह ऐसी गंदी राजनीति पर ध्यान नहीं देते।
ऐसे में विपक्ष को सकारात्मक भूमिका का निर्वहन करना चाहिए।
उधर, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हरीशचंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव प्रदेश की कानून व्यवस्था को ताक पर रखकर शासन कर रहे हैं।
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक सिंह ने कहा कि अखिलेश सरकार की लचर कानून-व्यवस्था के कारण बुलंदशहर सामूहिक दुष्कर्म कांड जैसी घटनाएं हो रही हैं।