इस नए फॉर्मूले से बनेगी महाराष्ट्र में सरकार, 14-14 मंत्री बंटवारे पर हो सकती है बात…

महाराष्ट्र की सियासत में सरकार बनाने को लेकर संग्राम मचा है. एक तरफ शिवसेना है, जो किसी भी तरह से महाराष्ट्र में सत्ता के सिंहासन पर बैठना चाहती है तो दूसरी तरफ एनसीपी है, जो अपनी शर्तों पर शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहती है.

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वहीं, कांग्रेस अब तक तय ही नहीं कर सकी है कि विपरीत विचारधाराओं वाले क्षत्रप से दोस्ती की जाए या नहीं. इस बीच सत्ता में हिस्सेदारी को लेकर भी कांग्रेस और एनसीपी में चर्चा चल रही है.

मंगलवार को मुंबई के वाईबी चव्हाण सेंटर में दिल्ली से गए तीन कांग्रेस नेताओं अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ बैठक की. सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में चार अहम बिंदुओं पर चर्चा हुई.

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एनसीपी ने इस बात पर जोर दिया कि स्थाई सरकार के लिए कांग्रेस को सरकार का हिस्सा बनना चाहिए. जबकि कांग्रेस का जोर कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर रहा. वहीं, सरकार में हिस्सेदारी पर भी एनसीपी ने अपना फॉर्मूला सामने रखा.

रोटेशनल सीएम चाहती है एनसीपी

सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस और एनसीपी की बैठक में मुख्यमंत्री पद को लेकर भी चर्चा हुई है. मीटिंग में एनसीपी ने फॉर्मूला रखा कि शिवसेना और उसके बीच ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद का बंटवारा किया जाए, जबकि कांग्रेस को पूरे पांच साल के लिए डिप्टी सीएम का पद मिले.

मुंबई में एनसीपी ने जहां सीएम और डिप्टी सीएम के फॉर्मूले की चर्चा की तो वहीं दिल्ली में कांग्रेस के खेमे से कैबिनेट का फॉर्मूला सामने आया. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, पार्टी तीनों दलों में सत्ता की बराबर भागीदारी चाहती है. कांग्रेस का फॉर्मूला है कि 42 कैबिनेट मंत्री बनाए जाएं और उनमें से शिवसेना और एनसीपी के साथ 14-14 मंत्री बांटे जाएं. यानी कांग्रेस-शिवसेना और एनसीपी के 14-14 मंत्री सरकार में रहें. इसके साथ ही कांग्रेस की नजर गृह और राजस्व जैसे अहम मंत्रालयों पर है. कांग्रेस का मानना है कि इस तरह के महत्वपूर्ण मंत्रालयों का बंटवारा भी उचित होना चाहिए. यानी सबसे कम विधायक होने के बावजूद भी कांग्रेस सरकार में मजबूती के साथ रहना चाहती है. वहीं, शिवसेना का मुख्यमंत्री होने की सूरत में दो उप-मुख्यमंत्री का फॉर्मूला भी चर्चा के केंद्र में है.

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हालांकि, इन तमाम मसलों पर अभी तक तीनों दलों के बीच कोई स्पष्ट बातचीत नहीं हो पाई है. मंगलवार को एनसीपी-कांग्रेस की बैठक के अहमद पटेल और शरद पवार ने बताया कि अभी दोनों दलों के बीच बातचीत होनी है और उसके बाद शिवसेना से बात की जाएगी. वहीं, अहमद पटेल और शरद पवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मीडिया से बात की और बताया कि हमें भी बातचीत के लिए समय की जरूरत है और इसीलिए शिवसेना ने राज्यपाल से मोहलत मांगी थी.

बहरहाल, फिलहाल महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है और इस फैसले के खिलाफ शिवसेना सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. ऐसे में जहां सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सबकी नजर है तो यह देखना भी दिलचस्प होगा कि तीनों दल कब तक एक मंच पर आ पाते हैं और अगर सरकार बनती है तो किस फॉर्मूले पर बात फाइनल होती है.

 

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