सरकार को नहींं थी खबर, आजादी के 70 साल बाद मिली राजभवन के नीचे सुरंग

मुंबई। महाराष्ट्र के राजभवन में एक विशाल सुरंग का पता चला है। राज्यपाल चेन्नमनेनी विद्यासागर राव ने पहली बार इस सुरंग को देखा तो राजभवन के अधिकारियों से इसकी पड़ताल कराई। सूचना पाकर राज्य के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़वनीस भी राजभवन पहुंचे और राज्यपाल के साथ उन्होंने सुरंग का जायजा लिया।

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राव अपनी पत्नी विनोधा के साथ सुरंग देखने गए इसके बाद राज्यपाल ने इसे संरक्षित करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों से मशविरा करने का अपना इरादा जाहिर किया। राज्यपाल ने  सुरंग को तब खोलने का निर्देश दिया था, जब तीन महीने पहले पुराने लोगों ने उन्हें राजभवन के अंदर एक सुरंग मौजूद होने के बारे में बताया था

अधिकारी ने एक बयान में कहा कि 12 अगस्त को राजभवन में लोकनिर्माण विभाग के कर्मचारियों ने बंकर के प्रवेश को बंद करने वाली एक अस्थाई दीवार खोल दी। एक भूमिगत सुरंग की बजाए कई आकार के 13 कमरों वाली एक पूरी बैरक का पता चला है।

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यह सुरंग 5 हजार वर्ग फीट क्षेत्र में है और इसमें कई कमरे भी हैं। स्वतंत्रता के बाद इस बंकर को बंद कर दिया गया था। इस अंडरग्राउंड बंकर में जल निकासी से लेकर ताजी हवा और रोशनी आने की पूरी व्यवस्था है। महाराष्ट्र में राजभवनों के इतिहास की बात करें, तो पहले राजभवन को गवर्नमेंट हाउस के नाम से जाना जाता था, जहां 1885 से ब्रिटिश गवर्नरों ने रहना शुरू किया। उससे पहले मालाबर हिल्स में ब्रिटिश गवर्नर गर्मियों में आया करते थे।

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